उत्तरप्रदेश

देउबा ठीक करेंगे ओली के बिगाड़े रिश्ते, उत्तराखंड से सीमा विवाद के समाधान की भी जगी उम्मीद

भारत के प्रति सकारात्मक रुख रखने वाले शेर बहादुर देउबा के प्रधानमंत्री बनने से उत्तराखंड से लगी नेपाल सीमा पर करीब एक वर्ष से बनी तनावपूर्ण स्थिति के अब सामान्य होने की उम्मीद बढ़ी है। कालापानी क्षेत्र के साथ ही लिंपियाधुरा, लिपुलेख पर होने वाली तकरार के अंत की भी आस है। झूला पुलों के खुलने के साथ ही आवाजाही भी सामान्य हो सकती है। इसका सीधा असर प्रदेश के तीन जिलों पिथौरागढ़, चम्पावत व ऊधमसिंह नगर पर होगा। पश्चिमी नेपाल का अधिकतर हिस्सा भी इससे लाभान्वित होगा।

मई 2020 में तत्कालीन नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चीन के प्रभाव में आकर लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को अपना बताते हुए नया राजनीतिक नक्शा जारी कर दिया। भारत पर अतिक्रमण का आरोप लगाकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बयानबाजी भी की। उन्होंने हालात इस कदर बिगाड़े कि खुली सीमा पर पहरा भी लगा दिया। नेपाल शस्त्र बल की ताबड़तोड़ बीओपी खोलनी शुरू कर दी।

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