गुजरात

अहमदाबाद में आज से शुरू होगा अमृत महोत्सव, साबरमती से पदयात्रा को हरी झंडी दिखा रवाना करेंगे पीएम मोदी

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम से पदयात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे और आजादी की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित अमृत महोत्सव से संबंधित कई कार्यक्रमों का उद्घाटन करेंगे।प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री आजादी के अमृत महोत्सव से संबंधित अनेक सांस्कृतिक व डिजिटल कार्यक्रमों का उद्घाटन करेंगे और साबरमती आश्रम में मौजूद लोगों को भी संबोधित करेंगे।

12 मार्च भारतीय इतिहास में खास दिन
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर बताया कि भारत के गौरवशाली इतिहास में 12 मार्च एक विशेष दिन है। 1930 में इसी दिन महात्मा गांधी के नेतृत्व में दांडी यात्रा की शुरुआत हुई थी। आजादी की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की कल साबरमती आश्रम से शुरुआत होगी।उन्होंने कहा कि साबरमती आश्रम से एक पदयात्रा को हरी झंडी दिखाई जाएगी जो अहमदाबाद से दांडी जाएगी। इस पदयात्रा में समाज के सभी वर्गों के लोग हिस्सा लेंगे।

साबरमती से डांडी तक पदयात्रा
इस मौके पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी उपस्थित रहेंगे।ज्ञात हो कि आजादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला है।पीएमओ ने अपने बयान में कहा कि यह महोत्सव जन भागीदारी की भावना के साथ जन उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से नवसारी में दांडी तक जाने वाले 81 पदयात्रियों को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

पांच अप्रैल को समाप्त होगी पदयात्रा
करीब 241 मील की यह यात्रा 25 दिन में पांच अप्रैल को समाप्त होगी। दांडी के रास्ते में विभिन्न समूहों के लोग पदयात्रा में शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल 75 किलोमीटर की पदयात्रा के पहले चरण का नेतृत्व करेंगे।स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में नीतियों और योजनाओं को तैयार करने के लिए गृहमंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय क्रियान्वयन समिति बनाई गई है।प्रधानमंत्री जिन कार्यक्रमों का उद्घाटन करेंगे उनमें आजादी के 75 वर्ष पर आधारित फिल्म, वेबसाइट, गायन, आत्मनिर्भर चरखा तथा आत्मनिर्भर इन्क्यूबेटर शामिल हैं।

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