किसान नेता नरेश टिकैत बोले- कुछ किसान नेता नहीं चाहते समस्या का हो समाधान, इन्हें कमेटी से जल्द दिखाया जायेगा बाहर का रास्ता
नई दिल्ली I मोदी सरकार के नए कृषि सुधार कानूनों की वापसी को लेकर देशभर के किसानों के आंदोलन का आज 46वां दिन है. केंद्र सरकार और किसानों के बीच लगातार नाकाम हो रही बातचीत के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कुछ किसान नेताओं पर सवाल खड़े किए हैं. यूपी गेट पर जारी आंदोलन में पहुंचे टिकैत ने कहा, ‘कुछ किसान नेता ऐसे हैं जो सरकार के साथ बातचीत को सफल नहीं होने देते. बैठक में अगर सभी सरकार की बात से सहमत भी हों, तो दो-तीन नेता उससे असहमति जता देते हैं.’ टिकैत ने कहा कि इन नेताओं को चिह्नित कर समझाया जाएगा या विचार विमर्श कर वार्ता कमेटी से बाहर किया जाएगा.
बातचीत में नरेश टिकैत ने ये बयान दिया. उन्होंने कहा, ‘ किसान विवाद नहीं, समाधान चाहता है. यही वजह है कि अपनी मांगों को कई बार ठुकराने के बावजूद वह सरकार के बुलावे पर हर बार वार्ता के लिए पहुंच रहा है. सरकार से वार्ता के लिए 40 किसानों की कमेटी बनाई गई है. इनमें से कुछ लगातार समाधान के बीच रोड़ा बन रहे हैं, पता चलना चाहिए कि वह कौन लोग हैं.’
कार्यकारिणी की आपातकालीन बैठक होगी इस मुद्दे पर चर्चा
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने आगे कहा, ‘राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आपातकालीन बैठक सोमवार को होगी. यह कहां होगी, इसका निर्णय जल्द हो जाएगा. बैठक में यूपी गेट आंदोलन स्थल के अलावा सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर के आंदोलनरत किसान नेता भी शामिल रहेंगे. इसमें आंदोलन को लेकर तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ ही अगली रणनीति तय की जाएगी.’
सरकार के साथ गतिरोध बरकरार
किसान अभी तक अपनी जगह पर डटे हैं सरकार ने उनसे कई बार बातचीत की है. लेकिन कानूनों की वापसी को लेकर किसानों के कड़े रुख के चलते मसला हल नहीं हो पा रहा है. किसान यह भी चाहते हैं कि सरकार किसी भी तरह की खरीद में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी दे.
किसान आंदोलन पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
इस बीच किसान आंदोलन और कृषि कानूनों से जुड़े सभी मामलों की सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. पिछले हफ्ते एक मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने बातचीत के ज़रिए गतिरोध सुलझाने पर ज़ोर दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर सरकार ने जानकारी दी कि आंदोलनकारी संगठनों के साथ उसकी बातचीत सही दिशा में चल रही है, तो सुनवाई को टाला भी जा सकता है.