क्या अब कोरोना वायरस दिमाग पर भी डाल रहा है सीधा असर? जानें क्या कहती है ये रिसर्च
डॉक्टर अबतक कुछ ऐसा सोचते थे
इस तरह के लक्षण मरीजों में दिखने पर डॉक्टर अबतक इसे कुछ और ही समझते थे। डॉक्टर को लगता था कि सभी रोगियों में से लगभग आधे में देखा जाने वाला न्यूरोलॉजिकल प्रभाव कोरोना के कारण नहीं बल्कि असामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का परिणाम हो सकता है जिसे साइटोकिन स्टॉर्म के रूप में जाना जाता है जो मस्तिष्क की सूजन का कारण बनता है।
मरे हुए कोविड-19 मरीजों के दिमाग पर हुआ रिसर्च
क्या सच में कोरोना अब लोगों के दिमाग को अपनी चपेट में ले रहा है, इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टर्स ने मृत कोरोना मरीज के दिमाग के टिश्यूस की जांच की। इसके अलावा भी इस गुत्थी को सुलझाने के लिए शोधकर्ताओं ने चूहों को संक्रमित करके और लैब यानी प्रयोगशाला में एक छोटे दिमाग को विकसित करके उसे संक्रमित करने शोध शुरू किया।
शोधकर्ताओं को मिला ये नतीजा
इन तीनों ही प्रक्रियाओं में शोधकर्ताओं ने पाया कि लैब में विकसित किये ब्रेन के ऑर्गेनोइड्स में, SARS-CoV-2 वायरस न्यूरॉन्स को संक्रमित करने में सक्षम है और फिर न्यूरॉन सेल की मशीनरी को खुद की प्रतियां बनाने में भी बाध्य करता है।
संक्रमित सेल्स अपने आसपास के सेल्स के ऑक्सीजन को रोककर उन्हें मारने में भी सफल साबित हुए। हालांकि अभी ये शोध अपने प्रारंभिक चरण में है, इसलिए कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी।