भारत का गलत नक्शा दिखाने के मामले में ट्विटर के MD मनीष माहेश्वरी के खिलाफ केस दर्ज
नई दिल्ली. सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने सात महीने में दूसरी बार सोमवार को अपनी वेबसाइट पर भारत का गलत नक्शा प्रदर्शित किया. इसके बाद सोशल मीडिया पर ट्विटर को बैन करने की मांग उठने लगी. बहुत विरोध के बाद कंपनी ने वेबसाइट से नक्शा हटा लिया. इस बीच उत्तर प्रदेश स्थित बुलंदशहर में ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक बुलंदशहर में बजरंग दल के एक नेता की शिकायत पर ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी के खिलाफ वेबसाइट पर भारत का गलत नक्शा दिखाने के लिए आईपीसी की धारा 505 (2) और आईटी (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 74 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) संबंधी नए नियमों के अनुपालन को लेकर भारत सरकार के साथ जारी गतिरोध के बीच ट्विटर की वेबसाइट भारत का गलत नक्शा दिखा रही थी, जिसमें जम्मू कश्मीर और लद्दाख को एक अलग देश दिखाया गया था. ट्विटर वेबसाइट पर करियर सेक्शन में ‘ट्वीप लाइफ’ शीर्षक के तहत यह स्पष्ट गड़बड़ी नजर आयी थी. इसे लेकर देशवासियों ने कड़ा विरोध जताया और माइक्रोब्लॉगिंग मंच के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. यह पहला मौका नहीं है जब ट्विटर ने भारत के नक्शे को गलत तरीके से पेश किया है. इससे पहले उसने लेह को चीन का हिस्सा दर्शाया था.
Twitter India Managing Director Manish Maheshwari has been booked under Section 505 (2) of IPC and Section 74 of IT (Amendment) Act 2008 for showing wrong map of India on its website, on complaint of a Bajrang Dal leader in Bulandshahr
— ANI UP (@ANINewsUP) June 28, 2021
ट्विटर बैन का हैशटेग करीब 17,000 ट्वीट के साथ ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा था. बढ़ते विरोध के बीच सोमवार शाम को ट्विटर ने गलत नक्शे को हटा लिया. सूत्रों ने कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है. उन्होंने कहा कि ट्विटर की वेबसाइट पर गलत नक्शा दर्शाया गया इसलिए वह इस मामले में ‘मध्यस्थ’ नहीं है और इस सामग्री के लिए जिम्मेदार है.
नए सोशल मीडिया नियमों को लेकर डिजिटल क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी का भारत सरकार के साथ टकराव चल रहा है. भारत सरकार ने देश के नए आईटी नियमों की जानबूझ कर अनदेखी और कई बार कहे जाने के बावजूद नियमों के अनुपालन में नाकामी को लेकर उसकी आलोचना की है. गौरतलब है कि नए नियमों के तहत इस माइक्रोब्लॉगिंग मंच को मध्यस्थ के तौर पर मिली कानूनी राहत समाप्त हो गई है और ऐसे में वह उपयोगकर्ता द्वारा डाली गई किसी भी गैरकानूनी पोस्ट के लिये उत्तरदायी होगा.
पूर्व में भी कई मौकों पर नियमों का उल्लंघन कर चुकी है कंपनी
सोशल मीडिया यूजर्स ने वेबसाइट के करियर सेक्शन में भारत के नक्शे के गलत दिखाने के लिए उसकी कड़ी आलोचना की. वैश्विक नक्शे में जम्मू कश्मीर और लद्दाख को भारत से बाहर दिखाए जाने को लेकर लोगों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और वे सरकार से माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं क्योंकि वह पूर्व में भी कई मौकों पर नियमों का उल्लंघन कर चुकी है.
पिछले साल अक्टूबर में ट्विटर को उस वक्त लोगों की भारी आलोचना और आपत्ति का सामना करना पड़ा था, जब उसका जियोटैगिंग फीचर केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख में शहीद सैनिकों के लिये बनाए गए युद्ध स्मारक लेह के हॉल ऑफ फेम से एक सीधे प्रसारण के दौरान “जम्मू कश्मीर, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना” दर्शा रहा था. भारत ने उस समय ट्विटर को सख्त चेतावनी जारी करते हुए स्पष्ट किया था कि देश की संप्रभुता और अखंडता के प्रति ऐसा असम्मान पूर्णत: अस्वीकार्य है.
नवंबर में सरकार ने ट्विटर को लेह को केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख का हिस्सा दिखाने के बजाए जम्मू कश्मीर का हिस्सा दिखाने पर नोटिस जारी किया था और इस मंच द्वारा गलत नक्शा दिखाकर भारत की क्षेत्रीय अखंडता के प्रति असम्मान को लेकर उसकी आलोचना की थी.
कब सामने आई ट्विटर की निरंकुशता?
ट्विटर की स्पष्ट निरंकुशता तब सरकार की जांच के दायरे में आ गई जब माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने नए नियमों, जिन्हें मध्यस्थ दिशानिर्देश कहा जाता है, का पूरी तरह पालन नहीं किया. नए नियम एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय के लिये अधिकारियों की नियुक्ति करने को अनिवार्य बनाते हैं.
नए नियम 26 मई से प्रभावी हो गए हैं और ट्विटर ने, दिए गए अतिरिक्त समय के बीत जाने के बाद भी, उन अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की है जिससे उसे मिली प्रतिरक्षा खत्म होती है. भारत सरकार के साथ बढ़ते तनावपूर्ण रिश्तों के बीच ट्विटर ने शुक्रवार को कुछ समय के लिये सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद के खाते को कथित तौर पर अमेरिकी कॉपीराइट कानून के उल्लंघन पर ब्लॉक कर दिया था. इस कदम की मंत्री ने मनमाना और आईटी नियमों का घोर उल्लंघन बताकर तत्काल निंदा की थी.