सावधान: वैज्ञानिकों की चेतावनी, सर्दियों में और बढ़ेगा कोरोना वायरस का कहर
ये स्टडी नैनो लेटर्स जर्नल में प्रकाशित हुई है. स्टडी में ये भी कहा गया है कि फिजिकल डिस्टेंसिंग के अभी के नियम Covid-19 को फैलने से रोकने के लिए काफी नहीं हैं. स्टडी के लेखक यानिइंग झू ने कहा, ‘हमने कई मामलों में पाया कि रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स सीडीसी द्वारा बताए गए 6 फीट से ज्यादा की दूरी तय करते हैं. ‘
शोधकर्ताओं ने कहा कि ऐसी जगहें जहां पर तापमान बहुत कम होता है और ह्यूमिडिटी ज्यादा होती है, जैसे की मीट को ताज़ा रखने वाली जगह, ऐसी जगहों पर ड्रॉपलेट्स ज़मीन पर गिरने से पहले 6 फीट से ज्यादा(19.7 फीट) तक की दूरी तय करते हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसे वातावरण में वायरस लगातार बना रहता है और कुछ मिनटों से लेकर एक दिन से अधिक समय तक सतह पर रहता है. झू ने कहा, ‘यही वजह है कि मीट प्लांट्स में कोरोना के मामले तेजी से फैलते हुए पाए गए हैं.’
शोधकर्ताओं का कहना है कि इसके विपरीत गर्म और शुष्क स्थानों में ड्रॉपलेट्स आसानी से हवा में उड़ जाते हैं और वायरस के के छोटे कड़ों के साथ मिलकर एरोसोल वायरस कण बनाते हैं, जो बोलने, खांसने, छींकने और सांस लेने से फैलने लगते हैं. स्टडी के एक अन्य लेखक ली झाओ ने कहा, ‘ये बहुत छोटे कण होते हैं, आमतौर पर 10 माइक्रोन से भी छोटे. ये हवा में घंटों तक रह सकते हैं और आसानी से सांस के जरिए शरीर में जा सकते हैं.’