जब सोचने भर से चलेगा मोबाइल और कंप्यूटर, एलन मस्क का दावा- साल 2022 में इंसानों में लगाएंगे चिप
नई दिल्ली. सोचिए अगर आपको सुबह 4 बजे उठकर फ्लाइट पकड़नी है. आप अलार्म लगाना ही भूल गए लेकिन ठीक 4 बजे आपके मोबाइल का अलार्म अपने आप बजने लगे और आप जग जाएं. या फिर आपको कोई मेल (Mail) बॉस को भेजना है, लेकिन अब आप ड्राइव कर रहे हैं. आपके ड्राइव करने के बावजूद मेल समय पर आपके बॉस तक पहुंच जाता है. आप सोच रहे होंगे कि ये कैसे संभव है. जो भी बात आपके दिमाग (Brain) में आ रही है, वो सब अपने आप होती जा रही है. हम आपसे कोई काल्पनिक बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि अगले कुछ सालों में होने वाले बदलाव की झलकियां दिखा रहे हैं.
दरअसल हम जिस नई तकनीक के बारे में आपको बात रहे हैं उसमें आपका दिमाग और उसमें लगी एक चिप एक दूसरे के साथ सीधे कनेक्ट होकर बिना कोई कंमाड लिए सोचने भर से काम करना शुरू कर देंगे. एलन मस्क ने दावा किया है कि उनकी कंपनी न्यूरालिंक एक साल से भी कम समय में इस चिप को इंसान के दिमाग में लगाने के लिए तैयार है. बता दें कि न्यूरालिंक ने एक ऐसा न्यूरल इंप्लांट विकसित किया है, जो बिना किसी बाहरी हार्डवेयर के दिमाग के अंदर चल रही गतिविधि को वायरलेस से प्रसारित कर सकता है.
सोमवार को वॉल स्ट्रीट जर्नल के सीईओ काउंसिल समिट के साथ एक लाइव-स्ट्रीम साक्षात्कार के दौरान एलन मस्क से साल 2022 में कंपनी की योजनाओं के बारे में बात की गई. इस दौरान एलन मस्क ने बताया कि उनकी कंपनी एक साल से भी कम समय में मानव मस्तिष्क में चिप लगाने के लिए तैयार होगी. मस्क ने कहा, न्यूरालिंक बंदरों में अच्छी तरह से काम कर रहा है और हम इससे जुड़े बहुत सारे परीक्षण कर रहे हैं. बंदरों पर हो रहे परीक्षण को देखने के बाद हम इस बात को जोर देकर कह सकते हैं कि यह बहुत ही सुरक्षित और भरोसेमंद है.
उन्होंने बताया कि न्यूरालिंक डिवाइस को सुरक्षित रूप से हटाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमारी ये तकनीक उन लोगों के लिए वरदात साबित होगी, जो टेट्राप्लाजिक, क्वाड्रीप्लेजिक जैसी रीढ़ की हड्डी की परेशानी से जूझ रहे हैं और लंबे समय से बिस्तर पर हैं. मस्क ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हमें अगले साल एफडीए से इसके लिए मंजूरी भी मिल जाएगी. मुझे लगता है कि हमारे पास किसी ऐसे व्यक्ति को ताकत देने का मौका है, जो चल नहीं सकता है या फिर अपने हाथों से काम नहीं कर सकता है.