देश के 15 राज्यों में पहुंचा ओमिक्रोन, दिल्ली-महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ रहे केस, पीएम मोदी ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग
देश में लगातार बढ़ते ओमिक्रोन के खतरे के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कोविड-19 स्थिति की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिए अब तक ओमिक्रोन के 216 मामलों का पता चल चुका है. दिल्ली में 57 मामले सामने आए हैं जबकि महाराष्ट्र में 65, तेलंगाना में 24, कर्नाटक में 19, राजस्थान में 18, केरल में 9 और गुजरात में 23, हरियाणा में 1 मामले ओमिक्रोन के दर्ज किए गए हैं. अब तक देश के 15 राज्यों में ओमिक्रोन के मामले सामने आ चुके हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये चेतावनी दी है कि कोरोना तीन गुना तेजी से फैलता है और इसलिए अब सावधानी रखने का वक्त आ चुका है. लेकिन इस खतरे के बाद भी देश में सावधानी नहीं दिख रही. यही वजह है कि केंद्र ने भी राज्यों को तीसरी लहर रोकने के लिए चिट्ठी लिखकर कहा है कि जिस जिले में 10 फीसदी से ज्यादा संक्रमण दर हो वहां कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं, रात में कर्फ्यू लगाया जाए. शादियों और अंतिम संस्कार में लोगों की संख्या कम करने के साथ-साथ बड़ी सभाओं में सख्त नियम लागू करने की सलाह दी गई है. लेकिन पीएम की बैठक में कई सवालों पर निगाह रहेगी.
महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन का एक भी नया मामला सामने नहीं आया. इससे एक दिन पहले राज्य में इसके 11 नए मामले सामने आये थे. स्वास्थ्य विभाग ने एक बुलेटिन में बताया, ‘‘ राज्य में आज ओमीक्रोन स्वरूप का एक भी नया मामला सामने नहीं आया. अब तक राज्य में इस स्वरूप के कुल 65 मामले सामने आ चुके हैं.’’
इन सभी मरीजों में से 35 को आरटी-पीसीआर जांच में निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. एक दिसंबर से कुल 1,50,153 अंतरराष्ट्रीय यात्री राज्य आए हैं. इनमें से 21,809 मरीज ‘उच्च जोखिम’ वाले देशों से हैं और सभी की आरटी-पीसीआर जांच की गई है. केंद्र ने मंगलवार को कहा था कि देश में ओमीक्रोन के मामलों मे वृद्धि के मद्देनजर ‘सक्रिय’ कदम उठाने की जरूरत है और नाइट कर्फ्यू पर विचार करने की जरूरत है.
ऐसे में सवाल ये भी उठ रहा है कि क्रिसमस, न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर क्या फैसला होगा? क्या फिर से कड़े कदम उठाए जाएंगे? ओमिक्रोन से बचाव के लिए सरकार क्या कदम उठाने जा रही है? बूस्टर डोज पर क्या फैसला होगा? क्या बच्चों को वैक्सीनेशन पर कोई फैसला होगा?