अलर्ट! WHO ने किया स्वीकार कोरोना संक्रमण के हवा से फैलने के मिले सबूत
वाशिंगटन. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आख़िरकार मंगलवार को यह स्वीकार कर लिया कि कोरोना वायरस संक्रमण के ‘हवा से फैलने’ से फैलने के कुछ सबूत मिले हैं. WHO ने कहा है कि इसकी पूरी आशंका है कि संक्रमण हवा के जरिए फ़ैल रहा है, हालांकि इस पर अभी और डेटा इकठ्ठा होना बाकी. इससे पहले कई देशों के वैज्ञानिकों ने WHO को एक खुला ख़त लिख आग्रह किया था कि वायरस हवा से फ़ैल रहा है और उसे अपने दिशानिर्देशों में बदलाव करने चाहिए.
बता दें कि 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने कोरोना महामारी को लेकर एक ओपन लेटर लिखा था, जिसमें WHO पर भी सवाल उठाए गए थे. इन वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोनावायरस हवा के जरिए भी फैलता है लेकिन डब्ल्यूएचओ इसे लेकर गंभीर नहीं है और संगठन ने अपनी गाइडलाइंस में भी इस पर चुप्पी साधी हुई है. इन वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि छींकने के बाद हवा में दूर तक जाने वाले बड़े ड्रॉपलेट या छोटे ड्रॉपलेट एक कमरे या एक निर्धारित क्षेत्र में मौजूद लोगों को संक्रमित करने में सक्षम होते हैं. बंद जगहों पर ये काफी देर तक हवा में मौजूद रहते हैं और आस-पास मौजूद सभी लोगों को संक्रमित कर सकते हैं.
अब क्या बोला WHO?
एक बार फिर आलोचनाएं झेलने के बाद WHO की बेनेदेत्ता आल्लेग्रांजी ने मंगलवार को कहा- ‘सार्वजनिक जगहों पर, ख़ासकर भीड़भाड़ वाली, कम हवा वाली और बंद जगहों पर हवा के ज़रिए वायरस फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. हालांकि इन सबूतों को इकट्ठा करने और समझने की ज़रूरत है. हम ये काम जारी रखेंगे.’ उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के हवा के माध्यम से फैलने के सबूत तो मिल रहे हैं लेकिन अभी यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता. डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 महामारी से जुड़ी टेक्निकल लीड डॉक्टर मारिया वा केरख़ोव ने एक न्यूज़ ब्रीफ़िंग में कहा, ‘हम हवा के ज़रिए कोरोना वायरस फैलने की आशंका पर बात कर रहे हैं, इसके पक्के सबूत होना ज़रूरी है.’