भारत के लिए रवाना हुए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले वार्ता
माइक पोम्पियो एवं मार्क एस्पर की भारत यात्रा सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव एवं अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक एक सप्ताह पहले हो रही है। ऐसे में यह वार्ता काफी मायने रखती है। इस वार्ता में भारत की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ 27 अक्टूबर को नई दिल्ली में वार्ता करेंगे। बताया जाता है कि इस बैठक में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा होगी और भविष्य के लिए द्विपक्षीय सहयोग के लिए एक खाका तैयार किया जाएगा।
BECA करार पर लग सकती है मुहर
इसके अलावा अमेरिका और भारत के बीच (बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट) BECA करार पर मुहर लग सकती है। इस करार के हो जाने पर भारत को अमेरिकी सेना से संवेदनशील उपग्रहीय जानकारी हासिल करेगी। इस डाटा के मिलने पर भारतीय सेना और सटीकता के सात अपने मिसाइलों एवं ड्रोनों को अभियान पर लगा सकेगी।
लद्दाख में चीनी आक्रामकता पर भी हो सकती है बातचीत
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम करने और लद्दाख में चीन के आक्रामक रवैया के बारे में भी चर्चा हो सकती है। इसके अलावा दोनों देशों के नेता क्षेत्रीय, द्विपक्षीय एवं वैश्वक मुद्दों पर भी बातचीत कर सकते हैं। पिछले सप्ताह विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता के साथ-साथ क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी व्यापक रूप से चर्चा होगी। मार्क एस्पर और पोम्पियो संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगे।
बैठक में आपसी सहयोग की रूपरेखा तय करेंगे दोनों देश
रिपोर्टों में विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि दोनों पक्ष काफी समय से लंबित बेका को भी अंतिम रूप देंगे ताकि द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाया जा सके। बेका के तहत दोनों देशों के बीच अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, साजो-सामान और भूस्थानिक मानचित्रों का आदान-प्रदान करना शामिल है। पिछले कुछ वर्षों से भारत-अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों में काफी तेजी आई है। अमेरिका से लड़ाकू हेलिकॉप्टर चिनूक और अपाचे भारतीय वायु सेना में शामिल हुए हैं। इसके अलावा ड्रोन की खरीदारी के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है। हाल के वर्षों में अमेरिका भारत के लिए हथियारों के एक बड़े आपूर्तिकर्ता देश के रूप में उभरा है।