उत्तराखंड

उत्‍तराखंड में चुनावी गणित बनाने-बिगाडऩे में अहम होंगी महिला जनप्रतिनिधि

हल्द्वानी : चुनावी दंगल में चेहरों को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है, मगर वोटरों को रिझाने का दौर शुरू हो चुका है। संभावित उम्मीदवार घर-घर बैठक और जनसंपर्क में जुटे हुए हैं। इन कार्यक्रमों में पुरुषों की उपस्थिति ही ज्यादा नजर आती है, लेकिन प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर चुनावी गणित को बनाने व बिगाडऩे में महिला जनप्रतिनिधियों की अहम भूमिका होंगी। उत्तराखंड में 7426 ग्राम पंचायतों में से 3743 पर महिलाओं का कब्जा है। यानी बतौर प्रधान गांव के मुखिया का जिम्मा इन्हीं पर है। ऐसे में गांव की इन जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।

आरक्षण और नेतृत्व क्षमता की वजह से 2019 के पंचायत चुनाव में आधी और कुछ जगहों पर उससे ज्यादा सीटों पर मातृशक्ति ने परचम लहराया था। ग्राम प्रधान की 3743, क्षेत्र पंचायत सदस्य की 1492, जिला पंचायत सदस्य की 178 और वार्ड मेंबर की 27787 सीट आरक्षण की वजह से महिलाओं के खाते में गई। आरक्षण के इतर भी महिलाओं ने दम दिखा पुरुष प्रत्याशियों को चुनाव में मात दी थी। वहीं, विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों के महिला मोर्चा सक्रिय हो चुके हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों के प्रदेश सहप्रभारी की जिम्मेदारी पार्टी ने महिला को दी है। चुनाव के दौरान महिला वोटरों का झुकाव जिस दल की ओर होगा, उसका पलड़ा भारी होना स्वाभाविक है।

Related Articles

Back to top button