उत्तराखण्ड: हर ब्लाक में केंद्रीय विद्यालय बनाने की योजना की शुरुआत उत्तराखंड से होगी- निशंक
देहरादून । नई शिक्षा नीति उत्तराखंड में बड़े बदलाव का कारण बनेगी। यह दावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का है। निशंक ने यह भी दावा किया कि हर ब्लॉक में केंद्रीय विद्यालय की शुरूआत उत्तराखंड से ही होगी और खुुद पीएम इसके प्रोत्साहित कर रहे हैं। नई शिक्षा नीति, उत्तराखंड पर इसका प्रभाव जैसे मुद्दों पर केंद्रीय मंत्री ने सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।
नई शिक्षा नीति कब से लागू करने की तैयारी है?
नई शिक्षा नीति को‘नीति से रणनीति’ की अवधारणा के आधार पर लागू किया जाएगा। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बात करने के बाद विस्तृत रणनीति तैयार की जाएगी। कुछ सिफारिशें अगले साल लागू होंगी और कुछ बाद में लागू की जाएंगी। नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा से जुड़े 117 और स्कूली शिक्षा से जुड़े 150 मामलों में सिफारिशें की गई है। फिलहाल टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी कि कौन सी सिफारिशें कब लागू होगी। कई मामलों में हम राष्ट्रीय स्तर पर पायलट प्रोजेक्ट चलाएंगे। कुछ आआईटी और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एकैडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के माध्यम से शत प्रतिशत सुरक्षित रखने की योजना है।
उत्तराखंड जैसे प्रदेश के लिए नई शिक्षा नीति स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने में कितनी सहायक सिद्ध हो सकती है ?
नई शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास पर जोर दिया गया है। यह रोजगारपरक भी है।
सवाल तो पलायन का भी है….
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के रूप में केंद्र से मिलने वाली धनराशि के साथ ही विश्व बैंक की मदद से उच्च शिक्षा पहली दफा राज्य से युवाओं का पलायन रोकने में अहम भूमिका निभाने जा रही है। उत्तराखंड के विकास के लिए नए साल में सरकारी डिग्री कॉलेजों में पारंपरिक शिक्षा के साथ रोजगार और व्यावसायिक शिक्षा का मजबूत आधार तैयार करने की तैयारी तेज हो गई है।
आपने उत्तराखंड में हर ब्लाक में आवासीय केंद्रीय विद्यालय खोलने की बात कही थी
केंद्र सरकार उत्तराखंड में सभी 95 ब्लॉकों में केंद्रीय विद्यालय खोलने पर सहमत है। हर ब्लॉक में केंद्रीय विद्यालय खुलने की स्थिति में यह ऑलवेदर रोड प्रोजेक्ट के बाद उत्तराखंड के लिए मोदी सरकार की दूसरी सबसे बड़ी सौगात है। हमारी मुख्यमंत्री से लगातार इस पर चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री ने हर ब्लॉक में केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन और जरूरी छात्र संख्या मुहैया कराने की बात कही है। केंद्र सरकार भी केंद्रीय विद्यालय खोलने की अपनी योजना की शुरुआत देवभूमि उत्तराखंड से करेगी। स्वयं प्रधानमंत्री इसे प्रोत्साहित कर रहे हैं।
नई शिक्षा नीति में मातृभाषा में पढ़ाई पर भी आपने जोर दिया है
देश की विविधता के मद्देनजर इस नीति में यह प्रस्तावित किया गया है कि ‘जहाँ भी संभव हो’, कम से कम कक्षा पांच तक, लेकिन अगर हो सके तो कक्षा आठ तक और उससे भी आगे, शिक्षा का माध्यम घरेलु भाषा या मातृभाषा हो। यह नीति सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में लागू की जाएगी।
उत्तराखंड में शिक्षा के बुनियादी ढांचे के विकास की भी जरूरत है ?
तकनीकी या प्राविधिक शिक्षा के लिए श्रीनगर में प्राविधिक शिक्षा निदेशालय का बनाया गया है। रुड़की में उत्तराखंड प्राविधिक परीक्षा परिषद , नरेंद्रनगर में राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद आदि बनाए गए हैं। नई शिक्षा नीति 2020 उत्तराखंड के लिए वरदान साबित होगी।राज्य और केंद्र सरकार के आपसी सामंजस्य से विकास का काम किया जा रहा है। वर्ष 2022 तक जैसा कि उत्तराखंड सरकार का दावा है कि हरेक सरकारी डिग्री कॉलेज के पास अपना भवन होगा, साथ में बड़ी संख्या में कॉलेज स्मार्ट क्लास और ई-ग्रंथालय जैसीआधुनिक डिजिटल सेवाओं से जुड़ जाएंगे।