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अगर आप सोने में करना चाहते है निवेश तो ज्वेलरी ही नहीं ये और भी है तरीके
नई दिल्ली I अगर आप इस त्योहारी सीजन में गोल्ड खरीदने की सोच रहे हैं तो ये जरूरी नहीं कि ज्वेलरी ही खरीदें. आप गोल्ड में चार तरीके से निवेश कर सकते हैं. दरअसल, भारत में निवेश के लिए सोना एक भरोसेमंद विकल्प होता है. वर्षों से लोग अपनी बचत को सोने में निवेश करते हैं. आइए जानते हैं, सोने में निवेश के अलग-अलग विकल्पों के बारे में.
फिजिकली गोल्ड
सबसे पुराना और आसान तरीका है, लोग निवेश के तौर पर सोने की ज्वेलरी या फिर सिक्के खरीदते हैं. आप किसी ज्वेलर्स के पास जाकर या फिर ऑलनाइन गोल्ड खरीद सकते हैं. कई कंपनियां घर तक ज्वेलरी पहुंचा देती हैं. ग्रामीण इलाकों में लोग आज भी सोने में निवेश के लिए ज्वेलरी ही चुनते हैं.
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स
आप म्यूचुअल फंड के जरिये भी गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. बाजार में कई गोल्ड म्यूचुअल फंड्स है, जो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करता है. जैसे-जैसे गोल्ड की प्राइस घटती-बढ़ती है. आपका निवेश भी उसी हिसाब से घटता-बढ़ता है.
डिजिटल गोल्ड
सोने में निवेश के लिए डिजिटल गोल्ड भी एक जरिया है. कई बैंक, मोबाइल वॉलेट और ब्रोकरेज कंपनियां एमएमटीसी-पीएएमपी या सेफगोल्ड के साथ टाइअप कर अपने ऐप के जरिए गोल्ड की बिक्री करती हैं. इसके अलावा आप शेयर बाजार में कमोडिटी एक्सचेंज के तहत भी गोल्ड की खरीद-बिक्री कर सकते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बांड्स
साल 2015 से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश का विकल्प आया है. यह आरबीआई जारी करता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कम से कम एक ग्राम सोने की खरीदारी की जा सकती है. निवेशकों को ऑनलाइन या कैश से इसे खरीदना होता है और उसके बराबर मूल्य का सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड उन्हें जारी कर दिया जाता है. इसकी मैच्योरिटी पीरियड आठ साल की होती है. लेकिन पांच साल के बाद इसमें बाहर निकलने का विकल्प भी है. फिजिकली सोने की खरीदारी कम करने के लिए यह स्कीम लॉन्च की गई है.
अगर फायदे की बात करें तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज भी मिलता है. गोल्ड बॉन्ड में न्यूनतम एक ग्राम सोना का निवेश किया जा सकता है और आम आदमी के लिए अधिकतम निवेश की सीमा चार किलोग्राम है, जबकि हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिए चार किलोग्राम और ट्रस्ट के लिए यह सीमा 20 किलोग्राम है. पिछले कुछ सालों में लोगों का रुझान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में तेजी से बढ़ा है.