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UP Election 2022: यूपी चुनाव में आज ‘दीदी’ की एंट्री, अखिलेश के साथ वर्चुअल रैली और प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी ममता बनर्जी, BJP ने लगाए यह आरोप

UP Election 2022: यूपी चुनाव में ममता बनर्जी की एंट्री हो गई है. आज ममता बनर्जी समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के लिए वर्चुअल रैली भी करेंगी. ममता बनर्जी और अखिलेश आज सुबह 11.30 बजे सपा ऑफिस में साझा प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करेंगे. गौरतलब है कि यूपी में बीजेपी को टक्कर दे रहे अखिलेश यादव सोमवार को ममता बनर्जी का स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंचे थे. इस दौरान ममता बनर्जी ने खुल कर अखिलेश का साथ देने का ऐलान किया था.

कोलकाता से ही ममता ने अखिलेश के पक्ष में नारा बुलंद किया था

बता दे कि आज ममता बनर्जी और अखिलेश यादव एकसाथ वर्चुअल रैली और प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.  इससे पहले कोलकाता से ही ममता ने अखिलेश के पक्ष में नारा बुलंद किया था. उन्होंने कहा था, ”मैं चाहती हूं कि बीजेपी हारे और समाजवादी पार्टी जीत जाए. यूपी को आगे दिशा दिखाने के लिए समाजवादी पार्टी जीते.”

ममता बनर्जी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में दर्शन करेंगी

दिलचस्प ये है कि ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश में एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ रही हैं लेकिन अखिलेश को नैतिक समर्थन के लिए लखनऊ पहुंची हैं. सिर्फ इतना ही नहीं ममता बनर्जी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में दर्शन भी करेंगी. ममता बनर्जी ने कहा, ”मैं वाराणसी भी जाऊंगी और शिव मंदिर में दीया जलाऊंगी. मैं जानती हूं वाराणसी PM का लोकसभा क्षेत्र है, लेकिन कोई भी कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं.”

ममता के दौरे पर राजनीति शुरू

ममता का समर्थन भले ही नैतिक हो लेकिन इससे विपक्ष के वोटों के ध्रुवीकरण में अखिलेश को मदद मिल सकती है और इसलिए ममता के दौरे पर राजनीति शुरू हो गई है.  विपक्ष का आरोप है कि अखिलेश और जयंत की जोड़ी फेल हो चुकी है तभी तो ममता बनर्जी को यूपी में आना पड़ रहा है. ममता का आगमन ये साबित कर रहा है कि सपा किस तरह से रणभूमि में कमजोर पड़ी है.

बीजेपी ममता बनर्जी के दौरे पर हमलावर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट किया, ”दीदी बंगाल में यूपी वालों को गुंडा बोलती हैं, अब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में दीदी की आगवानी कर रहे हैं. क्रोनोलॉजी समझ रहे हैं ना?” कुल मिलाकर बीजेपी ममता के दौरे पर हमलावर है. अखिलेश के लिए ममता 2022 में सहारा बनी हैं. वहीं ये ममता की बड़ी रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत वो मिशन 2024 के लिए सहयोगी जुटा रही हैं.

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