उत्तराखण्ड: ब्याजमुक्त ऋण के रूप में जीएसटी मुआवजा, 2000 करोड़ तक ऋण लेने का रास्ता साफ
देहरादून। खस्ता माली हालत से जूझ रही प्रदेश की भाजपा सरकार ने जीएसटी मुआवजे को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्रालय के पहले विकल्प पर हामी भर दी है। राज्य अब तक मिलने वाले मुआवजे के बराबर बाजार से ऋण उठा सकेगा। अहम बात ये है कि इस ऋण पर ब्याज राज्य सरकार को नहीं चुकाना होगा। इसका भुगतान केंद्र सरकार करेगी। इस व्यवस्था से राज्य सरकार के सामने करीब 2000 करोड़ तक बगैर ब्याज ऋण लेने का रास्ता साफ हो गया है।
जीएसटी मुआवजे को लेकर जीएसटी काउंसिल में राज्यों के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चर्चा की थी। इसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए बाजार से ऋण लेने से संबंधित दो विकल्प राज्यों को थमाए हैं। कोरोना संकट काल में जीएसटी समेत राजस्व में भारी कमी आने से परेशानहाल उत्तराखंड ने वित्त मंत्रालय के पहले विकल्प को लेकर हामी भर दी है। पहले विकल्प में जीएसटी मुआवजे के बराबर धनराशि बाजार से ऋण के रूप में लेने का प्रविधान है। इस पर ब्याज राज्य सरकार को अदा नहीं करना होगा। केंद्र सरकार ब्याज समेत इस धनराशि का भुगतान जीएसटी मुआवजे पर मिलने वाले सेस से करेगी।
बाजार से लिए जाने वाले इस ऋण के साथ अन्य रियायतें भी राज्य सरकार को मिलेंगी। केंद्र सरकार की ओर से चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार के एवज में ऋण में दो फीसद की वृद्धि प्रस्तावित है। कोरोना काल में केंद्र ने कुल राज्य सकल घरेलू उत्पाद का तीन फीसद तक ऋण सीमा को बढ़ाकर पांच फीसद करने की अनुमति दी है। पहले विकल्प के साथ ही यह व्यवस्था बरकरार रहेगी। अलबत्ता, दूसरे विकल्प में कई नई शर्तें जोड़ी गईं हैं। इस वजह से राज्य सरकार ने दूसरे विकल्प को लेकर हामी नहीं भरी।