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31 दिसंबर तक दाखिल नहीं किया ITR तो जानें क्या होगा नुकसान?

सभी तरह के करदाताओं, खासकर जिनके खातों का ऑडिट करने की जरूरत नहीं है, के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर है. आमतौर पर यह तारीख 31 जुलाई हुआ करती थी. लेकिन इस बार इसे 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है. अब जब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख करीब है. ऐसे में आयकर विभाग टैक्सपेयर्स को लगातार समय से पहले आईटीआर भरने के सचेत कर रहा है. विभाग ने कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है, करदाताओं को आखिरी दिन तक इंतजार नहीं करना चाहिएं.

अगर आप 31 दिसंबर तक आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं तो क्या होगा, इसके बारे में सोचा है कभी! अगर आपको नहीं पता है तो हम यहां बताते हैं कि समय पर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करने पर आपको क्या-क्या नुकसान हो सकता है.

देय तिथि ही आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि है?
आमतौर पर लोगों धारणा होती है कि नियत तारीख ही आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख है जिसके बाद आप अपना आईटीआर जमा नहीं कर सकते, जो सही नहीं है. आईटीआर फाइल करने के लिए दो तारीखें होती हैं- एक देय तिथि है और दूसरी अंतिम तिथि. यदि आप नियत तारीख तक अपना आईटीआर जमा नहीं कर पाते हैं, तो भी आप इसे अंतिम तिथि तक दाखिल कर सकते हैं.

हर वर्ष के लिए आईटीआर जमा करने की नियत तारीख, उन सभी करदाताओं के लिए जिनके खातों का ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है, उस वर्ष के बाद के वर्ष की 31 जुलाई होती है जिसके लिए आईटीआर दाखिल किया जाना है. लेकिन इस बार तिथि में बदलाव किया गया है. ऐसे करदाताओं के लिए आईटीआर दाखिल करने की नियत तारीख 31 दिसंबर, 2021 और अंतिम तिथि 31 मार्च, 2022 है.

यदि आप समय सीमा चूक जाते हैं तो क्या होगा?
यदि आप इस बार की देय तिथि यानी 31 दिसंबर, 2021 तक अपना आईटीआर जमा नहीं कर पाते हैं तो हैं, तब भी आप 31 मार्च, 2022 तक उसे जमा करवा सकते हैं, लेकिन आप चालू वर्ष के लिए किसी भी नुकसान को आगे बढ़ाने का अधिकार खो देते हैं. इसलिए यदि आपको चालू वर्ष के दौरान, व्यवसाय आय या पूंजीगत लाभ या दो लाख रुपये से अधिक की हानि होती है, और जिसे आप बाद के वर्षों में सेट-ऑफ के लिए आगे ले जाने के हकदार हैं, वह नहीं होगा.

आप देय तिथि तक आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं तो ऐसे में अगर आपने अपनी कर देयता (tax liability) से अधिक टैक्स जमा किया है और रिटर्न के हकदार हैं, ऐसे में आपको रिफंड पर ब्याज नहीं मिलेगा. अगर आपने कर देयता से कम टैक्स जमा किया है तो आपको ब्याज का भुगतान करना होगा.

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