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भारत चीन तनाव पर आज राज्यसभा में बयान देंगे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर आज राज्यसभा में बयान देंगे. सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्री के बयान के बाद विपक्ष के नेता अपनी बात रखेंगे. इसके बाद राजनाथ सिंह जरूरत पड़ने पर स्पष्टीकरण दे सकते हैं.

इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘रक्षा मंत्री वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) गतिरोध पर दोपहर 12 बजे बयान देंगे. उसके बाद विपक्ष के नेता मुद्दे पर बोलेंगे. जरूरत हुई तो उसके बाद मंत्री स्पष्टीकरण दे सकते हैं.’’

कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी पार्टी भारत-चीन के बीच तकरार को लेकर कुछ सवाल पूछना चाहती है. राजनाथ सिंह ने लोकसभा में मंगलवार को बयान दिये.

वहीं विपक्ष की तरफ से सवाल नहीं लिए जाने पर कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया और संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने एकत्र होकर विरोध-प्रदर्शन किया.

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि भारत एक ऐसा अनूठा संसदीय लोकतंत्र है जहां कोई प्रश्न नहीं पूछा जाता है और कोई बहस नहीं होती है.

राजनाथ ने बताई थी मौजूदा स्थिति

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा था कि मौजूदा स्थिति के अनुसार चीनी सेना ने एलएसी के अंदर बड़ी संख्या में जवानों और हथियारों को तैनात किया है.

उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में गोगरा, कोंगका ला और पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी तट सहित क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के कई बिंदु हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सेना ने भी जवाबी तैनाती की हैं, ताकि देश के सुरक्षा हितों का पूरी तरह ध्यान रखा जाए. हमारे सशस्त्र बल इस चुनौती का डटकर सामना करेंगे. हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है.’’

गलवान घाटी में 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 सैन्य कर्मियों के शहीद होने के बाद पूर्वी लद्दाख में तनाव बढ़ गया. पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात भारतीय भूभाग पर कब्जा करने की चीन की नाकाम कोशिश के बाद स्थिति और बिगड़ गई.

भारत ने पैंगोंगे झील के दक्षिणी तट पर कई पर्वत चोटियों पर तैनाती की और किसी भी चीनी गतिविधि को नाकाम करने के लिये क्षेत्र में फिंगर 2 तथा फिंगर 3 इलाकों में अपनी मौजूदगी मजबूत की है.

चीन फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच के इलाकों पर कब्जा कर रहा है. इस इलाके में फैले पर्वतों को फिंगर कहा जाता है. चीन ने भारत के कदम का पुरजोर विरोध किया है. हालांकि, भारत यह कहता रहा है कि ये चोटियां एलएसी के इस ओर हैं. भारत ने चीनी अतिक्रमण के प्रयासों के बाद क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक एवं हथियार भी भेजे हैं. साथ ही, क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई है.

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