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आंतरिक सुरक्षा और पुलिस प्रशासन स्कूल, आरआरयू ने सर्टिफिकेट कोर्स का आयोजन किया

"पुलिस इंटेलिजेंस एंड टैक्टिकल ऑपरेशंस- भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने का एक प्रयास"

अनिल मकवाणा

गांधीनगर

आंतरिक सुरक्षा और पुलिस प्रशासन स्कूल (SISPA) के तहत सीमा प्रबंधन और खुफिया अध्ययन केंद्र (CBMIS), राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (गृह मंत्रालय, भारत सरकार के तहत राष्ट्रीय महत्व का एक संस्थान) ने पुलिस खुफिया और सामरिक संचालन पर एक सर्टिफिकेट कोर्स का आयोजन किया।
उद्घाटन सत्र की शुरुआत प्रो. (डॉ.) बिमल एन पटेल, कुलपति, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय ने की। प्रो. पटेल ने अपने संबोधन में पुलिसिंग, निर्णय लेने, योजना बनाने, रणनीतिक लक्ष्यीकरण और अपराध की रोकथाम में इंटेलिजेंस द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने समझाया कि सामरिक ऑपरेशन में मूल्यवान खुफिया जानकारी पुलिस या अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा किए गए किसी भी ऑपरेशन की सफलता को निर्धारित करती है। प्रोफेसर पटेल ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा की खुफिया विभाग का काम विरोधी पक्छ और संगठनों से जुड़े हुए तथ्यों को इकट्ठा करना और उनकी निगरानी करना है। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि कैसे विश्वविद्यालय निकट भविष्य में सशक्त भारत की दृष्टि को मजबूत करने के लिए विशेषीकृत खुफिया संवर्ग बनाने के लिए काम कर रहा है।
श्री दत्तात्रेय पडसलगिकर, उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय ने अपने उद्घाटन भाषण में स्थानीय स्तर पर खुफिया जानकारी की उपलब्धता पर जोर दिया, जिसका पुलिस द्वारा निपटारा, अवलोकन और व्याख्या की जानी चाहिए क्योंकि स्थानीय स्तर पर खुफिया जानकारी एकत्र करने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस का भी उल्लेख किया जो इंटेलिजेंस विश्लेषण का एक अभिन्न अंग है। श्री पडसलगिकर ने विभिन्न मामलों पर अपने अनुभव और घटनाओं को प्रतिभागियों के साथ साझा किया और उन्हें निर्देशित किया कि उन्हें ऐसी परिस्थितियों से कैसे निपटना चाहिए। उन्होंने डिजिटल मीडिया, लोकल-केबल चैनलों, स्थानीय प्रकाशनों आदि पर नजर रखने की आवश्यकता का भी उल्लेख किया जहां कार्यवाई योग्य खुफिया जानकारी निकाली जा सकती है।
अंत में, श्री भवानी सिंह राठौर, निदेशक, आंतरिक सुरक्षा और पुलिस प्रशासन स्कूल (SISPA), राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
इस कार्यक्रम में पुलिस सब इंस्पेक्टर रैंक से लेकर पैन इंडिया के डीआईजी रैंक तक के पुलिस कर्मियों ने भाग लिया।

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