उत्तराखंड वेतन खर्च में संपन्न राज्यों से भी आगे, यूपी-पंजाब और दिल्ली जैसे बड़े राज्य भी काफ; यहां देखें
देहरादून। उत्तराखंड ने वेतन पर खर्च करने के मामले में संपन्न और बड़े राज्यों को पछाड़ दिया है। उत्तरप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे राज्य भी अपने कुल खर्च की तुलना में वेतन पर खर्च करने में उत्तराखंड से कहीं पीछे हैं। कोरोना संकट काल में अर्थ व्यवस्था के गहरे सदमे डूबे रहने के बावजूद राज्य के कुल खर्च में वेतन की हिस्सेदारी बढ़कर 32.81 फीसद पहुंच गई। इसका स्याह पक्ष भी है। हालात इसकदर रहे तो विकास कार्यों के लिए धन की व्यवस्था तो दूर की बात, आने वाले वर्षों में वेतन और पेंशन का भुगतान कर्ज की बड़ी राशि लेकर ही मुमकिन होगा।
आमदनी बढ़ाने और विकास कार्यों पर खर्च करने के मामले में उत्तराखंड भले ही लाचार दिखाई दे, लेकिन वेतन मद में यह हिमालयी राज्य देश में सर्वाधिक खर्च कर रहा है। जिस उत्तरप्रदेश की कोख से इसका जन्म हुआ, वहां भी वेतन खर्च की हिस्सेदारी महज 15.15 फीसद है। उत्तरप्रदेश की तुलना में यह राज्य वेतन देने पर ही तकरीबन दोगुना खर्च कर रहा है। पर्वतीय और छोटे राज्य के रूप में उत्तराखंड की स्थापना के पीछे मूल मंशा पिछड़ेपन से उबरकर विकास की ओर बढ़ने की ललक रही है। विकास की ओर बढ़ते ये कदम महज 20 वर्षों में ही बुरी तरह लडख़ड़ाने लगे हैं।