कुंभ योग में छलका आस्था का अमृत, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते श्रद्धालुओं की आमद घटी
हरिद्वार। नई उमंग, नई तरंग, नया उल्लास। सूर्य व चंद्र मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में संचरण कर रहे हैं। प्रकृति एक नए बदलाव की ओर अग्रसर हो चुकी है। मौसम में भी इस बदलाव का असर साफ महसूस किया जा सकता है। यह ठीक वैसा ही योग है, जैसा समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को पाने के लिए देव-दानव संघर्ष के दौरान बना होगा। ऐसे अमृत योग में कौन भला मां गंगा का सानिध्य नहीं पाना चाहेगा। हर श्रद्धालु के चेहरे पर इस भाव को सहजता से पढ़ा जा सकता है।
हालांकि, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते श्रद्धालुओं की आमद घटी है और अखाड़ों ने भी अपना लाव-लश्कर सीमित कर दिया है, लेकिन आस्था में कहीं कोई कमी नजर नहीं आती। दसों दिशाओं में संगीत लहरियों के बीच गंगा मैया और अखाड़ों के ईष्ट देवों की जै-जैकार गूंज रही है। अभी सुबह के पौने नौ बजे हैं। मेला प्रशासन की ओर से हरकी पैड़ी समेत आसपास के घाटों से श्रद्धालुओं को हटाया जा रहा है। अब यहां शाही स्नान के लिए अखाड़ों को पहुंचना है। स्नान क्रम के अनुसार इस बार भी निरंजनी अखाड़े को ही पहले स्नान करना है। उसके साथ आनंद अखाड़ा भी रहेगा।