दिवाली से पहले केंद्र सरकार कर सकती है तीसरे राहत पैकेज का ऐलान!
नई दिल्ली. केंद्र सरकार दिवाली से पहले तीसरे प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है. हालांकि, इस बार सरकार सीधे शहरी रोजगार योजनाओं में पैसा लगाने के बजाय इनसे जुड़ी कंपनियों में निवेश कर सकती है. माना जा रहा है कि सरकार उन इंडस्ट्रीज के लिए राहत पैकेज जारी कर सकती है, जिन पर कोरोना वायरस महामारी की सबसे तगड़ी मार पड़ी है. इस पैकेज के तहत सरकार अर्बन प्रोजेक्ट्स के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बढ़ावा दे सकती है. वहीं, ज्यादातर सेक्टर के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड-इंसेंटिव्स को विस्तार दिया जाएगा. इसके अलावा हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए सीधे मदद दी जा सकती है.
सरकारी कंपनियों में निवेश से भी बढ़ेंगे रोजगार के मौके
केंद्र सरकार कोरोना संकट से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में फिलहाल सरकार तीसरे प्रोत्साहन पैकेज पर काम कर रही है. इससे पहले सरकार ने मार्च 2020 के आखिर में लॉकडाउन शुरू होने के बाद प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया था. हालांकि, सरकार ने अब शहरी रोजगार योजना के प्रस्ताव में निवेश को टाल दिया है. इस मामले में पॉलिसी मेकर्स का कहना था कि शहरी परियोजनाओं से जुड़ी केंद्र और राज्य सरकारों की कंपनियों में निवेश से भी रोजगार के मौके बढ़ेंगे. लिहाजा, अलग से स्कीम में पैसा लगाने की जरूरत नहीं है.
सरकार ने पैकेज के लिए चुनी हैं 20 से 25 परियोजनाएं
सरकार का फोकस टीयर-1 से लेकर टीयर-4 तक की परियोजनाओं पर होगा. इन परियोजनाओं में निवेश बढ़ाकर रोजगार के नए मौके पैदा किए जा सकते हैं. सरकार ने इस बार प्रोत्साहन पैकेज के लिए नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन से 20-25 परियोजनाओं को चुना है. इनमें पूंजी का खर्च तेजी से बढ़ाया जा सकता है. इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने बताया कि नवी मुंबई और ग्रेटर नोएडा में बन रहा एयरपोर्ट भी इसमें शामिल है.
FM सीतारमण ने मांग बढ़ाने के लिए किए कई ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में मांग बढ़ाने के लिए कई अहम ऐलान किए हैं. कोरोना वायरस संक्रमण शुरू होने के बाद यह सरकार की तरफ से तीसरा राहत पैकेज होगा. मार्च 2020 में सरकार ने प्रधानंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKP) के लिए 1.70 लाख करोड़ खर्च करने का ऐलान किया था ताकि संकट के दौर में गरीबों की मदद की जा सके. इसके बाद मई 2020 में 20.97 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया गया था. हाल में वित्त मंत्री सीतारमण ने बड़ी सरकारी कंपनियों को पूंजीगत खर्च बढ़ाने और दिसंबर 2020 तक 75 फीसदी हिस्सा खर्च करने को भी कहा है.