उत्तराखंड

उत्तराखण्ड के 11 जिलों में आज भारी बारिश की आशंका, रेड अलर्ट जारी

देहरादून । राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने आज अल्मोड़ा और उत्तरकाशी को छोड़कर बाकी 11 जिलों में भारी बारिश होने का रेड अलर्ट जारी किया है। केंद्र की ओर से संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से अलर्ट रहने को कहा गया है, साथ ही उनसे लोगों को भी सचेत करने को कहा है।

बता दें कि केंद्र ने पहले कुछ ही जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था। बुधवार को 11 जिलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया। अलर्ट के मुताबिक 11 जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। जबकि कहीं-कहीं बिजली भी गिर सकती है।

राजधानी में दिनभर रुक-रुक कर होती रही बारिश

राजधानी देहरादून और आसपास के इलाकों में बुधवार को दिनभर रुक-रुक कर बारिश होती रही। मंगलवार देर रात के बाद कई इलाकों में बारिश शुरू हो गई थी, जो बुधवार सुबह तक जारी रही। उसके बाद कुछ देर के लिए बादल हल्के हुए और हल्की धूप भी निकली लेकिन फिर थोड़ी ही देर में बादल छा गए।

साथ ही रुक-रुककर हल्की बारिश भी होती रही। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि बृहस्पतिवार को भी देहरादून व आसपास के इलाकों में बादल छाए रहने और दिनभर में कई दौर की बारिश होने का अनुमान है।

कोटद्वार-दुगड्डा के बीच आया मलबा, दो घंटे यातायात बंद

पहाड़ियों पर मंगलवार देर रात से बुधवार दिन तक हुई भारी बारिश से कोटद्वार क्षेत्र में खोह, सुखरो, कोल्हू, मालन से लेकर सभी नदियां उफान पर आ गईं। पनियाली गदेरे के उफनाने से निचले इलाके में दहशत बनी रही। कोटद्वार-पौड़ी नेशनल हाईवे दुगड्डा के पास दुर्गा देवी मंदिर में मलबा आने से दो घंटे बंद रहा।

ऐसे में दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। पुलिस ने पहाड़ से आने वाले वाहनों को दुगड्डा में ही रोक लिया। दुर्गादेवी के पास आए मलबे को हटाने के लिए लोनिवि धुमाकोट के एनएच खंड को जेसीबी लगानी पड़ीं।

दिन में ढाई बजे बंद हुए मार्ग को साढ़े चार बजे यातायात के लिए खोल दिया गया। लक्ष्मणझूला-कांडी-दुगड्डा-रथुवाढाब-धुमाकोट मार्ग समेत कई संपर्क मार्गों पर पहाड़िया दरकने से मलबा आ गया, जिससे यहां यातायात प्रभावित रहा। देर शाम तक सभी मार्गों का मलबा हटाकर यातायात सुचारु कर दिया गया है। ब्यूरो

भारी वर्षा से उफनाया तेलीस्रोत, यातायात बाधित

कण्वघाटी के भाबर में वार्ड संख्या-35 के रामदयालपुर स्थित तेलीस्रोत के उफान पर आने से करीब दो घंटे तक आवागमन ठप रहा। जलस्तर कम होने के बाद ही मार्ग पर आवाजाही हो सकी। सिगड्डी सिडकुल के फैक्ट्री संचालकों और स्थानीय लोगों ने शासन-प्रशासन से तेलीस्रोत गदेरे में शीघ्र पुल बनाने की मांग की है।

स्थानीय निवासी सुमन केष्टवाल, कुबेर जलाल, सावन कुमार, नवीन शर्मा, गजेंद्र सिंह, सुरेश राणा, पंकज कबडियाल, फैक्ट्री संचालक सुरेश ठाकुर, रमेश पटवाल, सुनील गुप्ता का कहना है कि हर बरसात में तेलीस्रोत उफान पर आ जाता है। बुधवार को नदी के उफान पर रहने से भाबर क्षेत्र में सड़कों, खेतों और घरों में पानी घुस गया। लोगों को अपने घरों से पानी निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।

पांच घंटे की बारिश से जिले में जनजीवन अस्त व्यस्त

उत्तरकाशी में बुधवार को जिले के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश होने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। करीब पांच घंटे हुई बारिश से गंगा एवं यमुना नदी उफान पर है। जिले के उत्तरों गांव के पास चरीका नाला में आए उफान से पानी और मलबा खेतों में घुस गया।

कुथनौर एवं कुपड़ा गांव के गदेरे में उफान आने से तटवर्ती मकानों को खतरा पैदा हो गया। जिला पंचायत सदस्य कुसुमबाला ने बताया कि कुपड़ा गांव के पास डब्बू लाल की रसोई क्षतिग्रस्त हो गई। कुथनौर के भगवती प्रसाद नौटियाल ने बताया कि कस्बे में कई भवन नाले से हुए कटाव की जद में आ गए हैं।

इधर जिला मुख्यालय पर कालेश्वर मंदिर मार्ग वाली बस्ती में पानी घुस गया। ज्ञानसू क्षेत्र में भी गंगोत्री हाईवे पर जलभराव होने से आवाजाही प्रभावित हुई। मानसून सीजन से पूर्व प्रशासन ने नालियों की सफाई कराने के निर्देेश जारी किए थे।

पुलिस ने टापू पर फंसे युवक निकाले सुरक्षित

अतिवृष्टि से यमुना नदी में उफान आने पर दो युवक और दो खच्चर मुलाणा के पास नदी के बीच टापू में फंस गए। सूचना मिलते ही पुलिस की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने भारी मशक्कत कर टापू पर फंसे मंजियाली गांव निवासी प्रीतम एवं ऋतिक तथा दो खच्चरों को सुरक्षित बाहर निकाला।

मलबे के सैलाब में बहीं 18 गोशालाएं

बारिश ने चमोली के नारायणबगड़ क्षेत्र में भारी तबाही मचाई। ग्राम पंचायत बैथरा के कुंज्यानी तोक में पहाड़ी से आए मलबे के सैलाब में ग्रामीणों की 18 गोशालाएं और कई नाली भूमि बह गई।

पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख गंभीर नेगी व ग्राम प्रधान दीपेंद्र नेगी ने बताया कि अतिवृष्टि से मंगल सिंह, दर्शन सिंह, हर्षपाल सिंह, नरेश सिंह, गंभीर सिंह, प्रदीप सिंह, देव सिंह, चंदन सिंह, शिव सिंह समेत 18 ग्रामीणों की गोशालाएं मलबे में बह गईं।

इसी क्षेत्र के भंगोटा, लोदला, डडुवागाड़ व सोल्टा गांवों में भी सड़क, पेयजल योजना और फसलों को काफी नुकसान हुआ है। ग्राम प्रधान भूपेंद्र मेहरा, सरीता जोशी आदि ने कहा कि खतरे को देखते हुए ग्रामीण रातभर जागते रहे। नायब तहसीलदार सुरेंद्र सिंह देव ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में क्षति का जायजा लेने के लिए राजस्व की टीम रवाना हो गई है। बारिश के कारण नारायणबगड़-परखाल-भटियाणा मार्ग परखाल से आगे कई स्थानों पर बंद हो गया है।

उफान पर आया नाला, घरों में घुसा पानी

बारिश से पोखरी गांव के पास से बहने वाला नाला उफान पर आ गया, जिससे नाले का पानी भुवनेश्वरी देवी और कांता भट्ट सहित अन्य लोगों के घरों में घुस गया। रात को ही ग्रामीणों ने पत्थर आदि लगाकर नाले के पानी का बहाव कुछ हद तक मोड़ दिया। बारिश के पानी से लोगों का सामान खराब हो गया। पोखरी के राजस्व उपनिरीक्षक मनोज बर्तवाल ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया। कहा कि नुकसान का शीघ्र ही मुआवजा दिया जाएगा।

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