उत्तराखण्ड: मूसलाधार बारिश ने थराली में मचाई तबाही, दो दिन का रेड अलर्ट जारी
देहरादून । मौसम विभाग ने पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी, टिहरी, देहरादून और हरिद्वार जिलों में कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया है। कुछ स्थानों पर बिजली भी गिरने की आशंका है।
इसी क्रम में आज राज्य के अधिकतर इलाकों में बादल छाए हुए हैं। तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। चमोली में बुधवार रात हुई बारिश आज सुबह छह बजे थमी। यहां थराली में मसूलाधार बारिश होने से एक पुलिया बह गई और दो पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए। कुरालु गांव में एक गोशाला भी क्षतिग्रस्त हुई है। मलबे में तीन पशु दब गए। वहीं एक भवन आंशिक रूप से ध्वस्त हुआ है।
बदरीनाथ हाईवे कई जगह मलबा आने से बंद हो गया है। हाईवे छीनका, क्षेत्रपाल, भनेरपानी, कालीमंदिर, टंगड़ी, पागलनाल, हेलंग और लामबगड़ में बंद है। नंदप्रयाग-कोठियालसैण सड़क भी बंद है। जिससे अलग-अलग धाम जा रहे करीब 125 यात्री हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
बड़कोट में यमुनोत्री घाटी में बादल छाए हुए हैं। यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर आवाजाही जोखिम भरी बनी हुई है। मार्ग पर आवाजाही बहाल करने के लिए लोनिवि के मजदूर लगे हुए हैं।
संबंधित जिलों के लिए सावधानी की सलाह
रेड अलर्ट जारी करने के साथ ही संबंधित जिलों के लिए सावधानी की सलाह देते हुए प्रशासन को आवश्यक सुरक्षा उपाय करने की भी सलाह दी गई है। अधिक ऊंचाई वाले और पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही नियंत्रित करने की भी निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा तेज बारिश से भूस्खलन और नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी का खतरा भी जताया गया है। उत्तराखंड मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले दो दिन प्रदेश में ज्यादातर स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
भारी बारिश की चेतावनी पर प्रशासन अलर्ट
मौसम विभाग द्वारा जिले में दो दिन की भारी बारिश के चेतावनी को लेकर हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है। जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग समेत अन्य संबंधित विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
देहरादून जिले में अगले दो दिन भारी बारिश की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है। इस पर डीएम ने किसी भी आपदा की स्थिति में तत्काल स्थलीय कार्रवाई करते हुए सूचनाओं का आदान-प्रदान करने को कहा है।
नोडल अधिकारियों को अलर्ट में रहने को कहा
साथ ही नोडल अधिकारियों को अलर्ट में रहने को कहा है। एनएच, पीडब्ल्यूडी, एडीबी, सीपीडब्ल्यूडी आदि को मोटर मार्ग बाधित होने पर तुरंत उसे खुलवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान कोई भी अधिकारी और कर्मचारी अपने फोन बंद नहीं रखेगा। साथ ही लोगों के फंसे होने की स्थिति में खाद्य सामग्री और मेडिकल की व्यवस्था भी करने के निर्देश दिए।
मलबा हटाने और नाले की सफाई में लगा निगम
बीते दिनों हुई भारी बरसात के चलते घरों में मलबा व पानी घुसने तथा नाला चोक होने के बाद से नगर निगम सफाई अभियान में जुटा हुआ है। इसे लेकर कई जेसीबी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सफाई में लगी हैं। वहीं, मलबा भी हटाया जा रहा है। इसके अलावा पंपिंग सेट के जरिये जलभराव वाले स्थानों से पानी भी निकाला जा रहा है।
बीते दिनों की बारिश से प्रदेश में 311 मार्ग बाधित
पिछले दिनों भारी बारिश के कारण प्रदेश में चार राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 311 सड़कें बंद हो गई थीं। कई सड़कें ध्वस्त हो गई थीं। 212 सड़कें पहाड़ों से मलबा आने से बाधित हो गई थीं। दावा किया गया है कि मंगलवार तक इनमें से 99 सड़कों को खोल दिया गया है। लोक निर्माण विभाग के मुताबिक, सड़कों को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
बदरीनाथ, यमुनोत्री, पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग गौरी कुंड हाईवे कुछ स्थानों पर चट्टानें आ जाने के कारण बंद रहा। बीआरओ, लोनिवि और आलवेदर रोड परियोजना की कार्यदायी एजेंसियों की मदद से मार्ग खोलने के प्रयास जारी हैं। कुछ स्थानों पर छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए मार्ग खुलने की संभावना है।
बारिश के कारण नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और जिला मोटर मार्गों के अलावा ग्रामीण सड़कों को भी भारी नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर सड़कें टूट गई हैं तो कई जगहों पर पुलों को भी क्षति पहुंची है।
अनुमान है कि इन सभी सड़कों व पुलों को पुरानी अवस्था में लाने के लिए 60 करोड़ से अधिक की धनराशि की आवश्यकता होगी। लोनिवि के विभागाध्यक्ष हरिओम शर्मा के मुताबिक, सड़कों को खोलने के लिए 310 मशीनों को तैनात किया गया है।