देहरादून में हरेला पर्व पर बनेगा कीर्तिमान, एक घंटे में लगाए जाएंगे 2.75 लाख पौधे
देहरादून I देहरादून में इस बार हरेला पर्व पर कीर्तिमान बनेगा। 16 जुलाई को देहरादून में एक घंटे में 2.75 लाख पौधे लगाए जाएंगे। दो साल पहले हरेला पर 22 जुलाई 2018 को रिस्पना से ऋषिपर्णा अभियान के तहत दो लाख पौधे लगाए गए थे। जिला प्रशासन के नेतृत्व में 16 जुलाई को चलने वाले अभियान की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। हरेला पर्व को लेकर इस बार एक घंटे में 2.75 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के साथ ही वन विभाग, उद्यान विभाग, मनरेगा, एमडीडीए आदि को जिम्मेदारी तय की जा चुकी है।
इस बार का लक्ष्य बड़ी चुनौती
दो साल पहले रिस्पना से ऋषिपर्णा अभियान के तहत 50सेक्टरों में दो लाख पौधे लगाए गए थे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कैरवान गांव और मोथरोवाला में खुद पौधरोपण किया था। इस अभियान में 416 से अधिक स्कूली बच्चों ने हिस्सा लिया था। एनजीओ, आम जनता के साथ ही सरकारी महकमों के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हुए थे। उस समय भी पौधरोपण में तीन घंटे का समय लग गया था।
इस बार कोरोना काल चल रहा है। ऐसे में एक घंटे में 2.75 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य कहीं न कहीं प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है। इस बार भी स्कूलों, सरकारी कार्यालयों, पार्कों, आवासीय कालोनियों में खाली जमीन पर पौधरोपण करने की तैयारी है। इसके अलावा जौलीग्रांट एयरपोर्ट के पास मौजूद रास्ते के डिवाइडरों के साथ ही घरों में भी पौधरोपण कराया जाएगा।
इस रणनीति के जरिये हासिल होगा लक्ष्य
– जिला प्रशासन को पौधरोपण से एक-दो दिन पहले ही गड्ढे खुदवाने होंगे।
– महकमों और आम पब्लिक तक एक दिन पहले पौधे पहुंचवाने होंगे।
– जिन स्थानों पर पौधे लगाए जाने हैं, वहां पानी आदि की व्यवस्था भी करनी होगी।
– पौधरोपण के लिए लगी टीम को अपनी निगरानी में पौधे लगवाने होंगे।
आगे की चुनौती
-जिन स्थानों पर पौधे लगाए गए, उनका समय-समय पर निरीक्षण करना होगा।
– सूखने वाले पौधों के स्थान पर नए पौधे लगवाने होंगे। इसके लिए संबंधित अधिकारी या कर्मचारी की ड्यूटी तय करनी होगी।
-पौधे जिंदा रहें, इसके लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत होगी।
– पौधरोपण के बाद करीब 60 प्रतिशत पौधे ही जीवित बचते हैं। ऐसे में शेष 40 प्रतिशत पौधों को भी बचाने का प्रयास करना होगा।
लगाए जाएंगे ये पौधे
बेला, चंपा, रातरानी आदि फूलों के साथ आम, अमरूद, लीची, शीशम, हरड़, बहेड़ा, बेलपत्र, संदन, महल, तेजपात, अमलतास, कंजी, कंजू, कचनार, बांस, आंवला, कटहल, टिकोमा, पिलन, अर्जुन, मौरेंग, जामुनी, नींबू आदि प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे। इसके अलावा सजावट वाले पौधे भी लगाए जाएंगे।
सामूहिक प्रयासों और जनता के सहयोग से जो भी अभियान चलाया जाता है, वह हमेशा सफल होता है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 16 जुलाई को हरेला पर 2.75 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी तैयारी चल रही है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध सभी धर्मों के लोगों से अपील है कि वह भी 16 को अधिक से अधिक पौधरोपण करें। जरूरी नहीं कि रोपे गए 100 प्रतिशत पौधे जीवित रहें, लेकिन जो पौधे खराब होंगे, उनके स्थान पर नए पौधे लगाए जाएंगे।
-डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, जिलाधिकारी