राजस्थान में लिखी गई यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी की पटकथा
देहरादून। उत्तराखंड की भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी की पटकथा लगभग छह महीने से लिखी जा रही थी। हाल ही में राहुल गांधी से फोन पर हुई बातचीत के बाद यशपाल आर्य ने अपने विधायक पुत्र संजीव के साथ नवरात्र में कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया। महत्वपूर्ण बात यह कि इसमें सूत्रधार की भूमिका राजस्थान सरकार के एक मंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने निभाई, जो कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव के मामा हैं और यशपाल आर्य के पुराने मित्र भी।
यशपाल आर्य वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस से भाजपा में चले गए थे। दो बार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष रहे आर्य उस समय तत्कालीन हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। तब आर्य का यह कदम चौंकाने वाला रहा, क्योंकि उन्होंने इससे लगभग आठ महीने पहले मार्च 2016 में तब कांग्रेस नहीं छोड़ी, जब पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नेतृत्व में कांग्रेस के नौ विधायक एक साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने उन्हें और उनके पुत्र संजीव आर्य, दोनों को टिकट दिया। चुनाव जीत कर यशपाल आर्य कैबिनेट मंत्री बने।