प्रधानमंत्री मोदी अक्तूबर में केंद्रीय योजनाओं की लेंगे समीक्षा, राज्य सरकारने बनाया यह प्लान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्तूबर माह में केंद्रीय योजनाओं की प्रगति का ब्योरा मुख्यमंत्रियों से ले सकते हैं। इसी के मद्देनजर राज्य सरकार ने भी इन योजनाओं के क्रियान्वयन पर फोकस कर दिया है। जिन योजनाओं में अभी तक 50 फीसदी तक काम नहीं हो पाया है, पहले उनके क्रियान्वयन को प्राथमिकता दी जाएगी। उत्तराखंड में केंद्रीय योजनाओं का बजट नौकरशाह समय पर भी खर्च नहीं कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने अब खुद इन योजनाओं की समीक्षा हर 15 दिन के भीतर करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक से लौटने के बाद मंगलवार को सचिवालय में सीएम धामी ने मीडिया से यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकता में जो भी केंद्रीय योजनाएं हैं,
उन्हें नियमित तौर पर वे खुद मानिटरिंग करेंगे। सभी विभागीय अफसरों को इन योजनाओं के क्रियान्वयन का एजेंडा तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। विदित है कि वित्त विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन सालों के भीतर विभिन्न विभाग केंद्रीय योजनाओं का 3825 करोड़ खर्च नहीं कर पाए थे। हालांकि, इसके पीछे अफसरों का यह तर्क था कि वित्तीय वर्ष के अंतिम माह के दौरान बजट मिलने से यह परेशानी खड़ी हुई । केंद्र सरकार पहले योजनाओं का उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगती है, इसके बाद ही बजट रिलीज करती है।
इस वजह से बजट समय पर उपलब्ध नहीं हो पाता है। मुख्यमंत्री धामी कहा कि केंद्रीय योजनाएं आयुष्मान भारत, पीएम शहरी व ग्रामीण आवास, स्वनिधि योजना, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारता अभियान, जन आरोग्या योजना,स्किल डेवलपमेंट, , नेचुरल फार्मिंग, श्रम सुधार, पीएम गति शक्ति, किसान सम्मान निधि, पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, स्टार्ट अप, महिला उद्यमिता, अमृत सरोवर समेत तमाम योजनाओं की 15 दिन के भीतर विभागीय अफसरों के साथ मानिटिरंग करेंगे। समय पर योजनाओं का क्रियान्वयन न कर पाने वाले अफसरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कारवाई की जाएगी।