उत्तराखंड

विजिलेंस टीम ने सितारगंज तहसील के प्रभारी कानूनगो/लेखपाल को नौ हजार की रिश्वत लेते दबोचा

विजिलेंस टीम ने सितारगंज तहसील के प्रभारी कानूनगो/लेखपाल को नौ हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथों दबोच लिया। यह रकम दाखिल-खारिज के एवज में एक किसान से मांगी गयी थी। किसान इससे पहले भी आरोपी को छह हजार रुपये दे चुका था। विजिलेंस टीम आरोपी प्रभारी कानूनगो को ट्रैप कर हल्द्वानी ले गयी। विजिलेंस इस मामले में तहसील के अन्य कार्मिकों की संलिप्तता की भी जांच कर रही है। मूलत: उत्तर प्रदेश में रामपुर जिले के ग्राम ककरौआ और हाल बरेली रोड, हल्द्वानी निवासी लेखपाल अशरफ अली के पास बंदोबस्त विभाग के कानूनगो का अतिरिक्त प्रभार भी है।

ग्राम बिजटी पटिया निवासी किसान सुखदेव सिंह ने एसपी विजिलेंस से कानूनगो की शिकायत की थी। आरोप था कि जमीन के दाखिल-खारिज के एवज में प्रभारी कानूनगो ने उनसे 15 हजार रुपये की मांग की है। बताया कि छह हजार रुपये की रकम वह पहले दे चुके हैं, इसके बावजूद दाखिल-खारिज नहीं किया गया, जबकि यह प्रक्रिया नि:शुल्क होती है। आरोप था कि प्रभारी कानूनगो ने बाकी नौ हजार मिलने के बाद ही दाखिल-खारिज को कहा है। एसपी विजिलेंस प्रह्लाद नारायण मीणा के निर्देश पर इंस्पेक्टर चंचल शर्मा ने प्राथमिक जांच की तो शिकायत पुष्ट पायी गयी। इसके बाद ट्रैप टीम का गठन कर लिया गया।

शनिवार को सुखदेव सिंह ने नौ हजार रुपये देने के लिये प्रभारी कानूनगो को अपने घर पर बुला लिया। प्रभारी कानूनगो अशरफ अली शनिवार को सुखदेव के घर पहुंचे, जहां विजिलेंस ने उन्हें नौ हजार रुपये के साथ रंगेहाथ दबोच लिया।टीम उन्हें गिरफ्तार कर यहीं से हल्द्वानी ले गयी। एसपी विजिलेंस मीणा ने टीम को दस हजार रुपये इनाम की घोषणा की। टीम में इंस्पेक्टर चंचल शर्मा, इंस्पेक्टर हेम पाण्डे, एसआई बलवीर सिंह, एसआई कैलाश जोशी शामिल रहे। मामले में तहसील के अन्य कर्मियों- अधिकारियों की संलिप्तता की जांच के लिये इंस्पेक्टर हेमा पंत को जांच सौंपी गयी है।

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