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अरुणाचल प्रदेश में चीनी और भारतीय सैनिकों में आमना सामना- रिपोर्ट

पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच आमने-सामने की खबर आई थी। रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के अनुसार, वास्तविक नियंत्रण रेखा की धारणा में अंतर के कारण आमना-सामना हुआ।दोनों पक्षों के बीच बातचीत कुछ घंटों तक चली और मौजूदा प्रोटोकॉल के अनुसार इसे सुलझा लिया गया।एएनआई ने रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के हवाले से कहा,कि एंगेजमेंट में किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। भारतीय सेना की ओर से आमने-सामने की कोई जानकारी नहीं मिली है और दावों पर सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है। बताया जा रहा है कि करीब 200 चीनी सैनिक एलएसी पर आ गए थे। लेकिन सतर्क भारतीय सैनिकों ने उन्हें दौड़ाया जिसके बाद चीनी सैनिक भाग गए।

उत्तराखंड के बाराहोटी सेक्टर में चीन ने एलएसी का किया था उल्लंघन
30 अगस्त को, पीएलए के करीब 100 सैनिकों ने उत्तराखंड के बाराहोटी सेक्टर में एलएसी का उल्लंघन किया और कुछ घंटे बिताने के बाद क्षेत्र से लौट आए, विकास से परिचित लोगों ने कहा था।चीनी उल्लंघन पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई थी।पूर्वी लद्दाख में कई इलाकों में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच जारी गतिरोध के बीच यह घटना हुई, हालांकि दोनों पक्षों ने दो संवेदनशील स्थानों पर विघटन पूरा कर लिया।

चीन का दोहरा चरित्र
चीनी पक्ष ने इस क्षेत्र में एलएसी के साथ बुनियादी ढांचे के विकास में काफी तेजी लाई है और भारत पीएलए के आंदोलन की बारीकी से निगरानी कर रहा है।दोनों पक्षों ने संवेदनशील क्षेत्र में एलएसी पर 50,000 से 60,000 सैनिकों को तैनात किया है। जानकार कहते हैं कि दरअसल चीन के साथ भारत का सही तरह से सीमा निर्धारण ना हो पाना एक बड़ी वजह है। खासतौर से पहाड़ी इलाकों में टेरेन को लेकर संकल्पना के स्तर पर दिक्कत आती है। मसलन एलएसी पर जब दोनों देशों के सैनिक आमने सामने आते हैं तो सवाल यही होता है कि दोनों पक्ष कहते हैं वो अपने इलाके में गश्त कर रहे हैं लेकिन उसे लेकर तनाव उठ खड़ा होता है।

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