उत्तराखंड के सात जिलों में टेक होम राशन से जुड़े हैं सिर्फ 154 समूह, विभाग ने की स्थिति साफ
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देहरादून। केंद्र पोषित टेक होम राशन (टीएचआर) योजना की व्यवस्था में बदलाव को लेकर महिला स्वयं सहायता समूहों के विरोध के सुर के बीच महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने स्थिति स्पष्ट की है। विभाग के अनुसार प्रदेश में वर्तमान में केवल सात जिलों के 154 स्वयं सहायता समूह ही टीएचआर के वितरण से जुड़े हैं।
इन समूहों की ओर से दी जाने वाली खाद्य सामग्री की पंतनगर विश्वविद्यालय से कराई गई जांच में पोषाहार में प्रोटीन, कैलोरी व सूक्ष्म तत्व निर्धारित मानक से कम पाए गए। विभाग का कहना है कि नई व्यवस्था में उच्च गुणवत्ता के पोषाहार का आंगनबाड़ी केंद्रों तक परिवहन, वितरण, जनजागरूकता व निगरानी जैसे कार्य स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से कराए जाएंगे। इसके लिए बड़ी संख्या में सभी जिलों में समूहों को जोड़ा जाएगा।
कुपोषण, रक्ताल्पता, शिशु मृत्यु दर जैसी समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से संचालित टीएचआर योजना का 90 फीसद व्यय केंद्र सरकार वहन करती है। राज्य में वर्ष 2013 से इस योजना के तहत छह साल तक की आयु के बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को सूखा राशन (गेहूं, चावल, सोयाबीन अथवा दालें) का वितरण स्वयं सहायता समूहों के जरिए करने की अस्थायी व्यवस्था की गई। विभाग के उपनिदेशक डा एसके सिंह के अनुसार यह प्रचार किया जा रहा है कि करीब 40 हजार समूह इस कार्य से जुड़े हैं, जो कि गलत है।