कोरोना की दुश्वारियों के बीच त्रिवेंद्र सरकार ने उत्तराखंड को दीं कई सौगातें, ये बड़े कदम रहेंगे याद

देहरादून I कोरोनाकाल की दुश्वारियों के कारण 2020 को शायद ही कोई याद रखना चाहेगा। मगर इन उदास करने वाली यादों के बीच राज्य को कुछ ऐसी सौगातें भी मिली हैं, जिनकी वजह से बीता साल राज्य के लोगों की स्मृतियों में रहेगा। इन सौगातों को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की इच्छाशक्ति के प्रमाण के तौर पर भी देखा जा रहा है।
गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी : वर्ष 2020 उत्तराखंड राज्य की जनभावनाओं की राजधानी गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के लिए याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा कर सबको चौंका दिया था। अब सरकार की वहां करीब 24 हजार करोड़ रुपये के निवेश की योजना है।
सचिवालय भवन का शिलान्यास : गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बाद त्रिवेंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर वहां सचिवालय भवन का शिलान्यास करके दूसरा बड़ा कदम उठाया।
डोबरा चांठी और जानकारी सेतु का तोहफा : 2020 राज्य के दो बड़े सेतुओं की सौगात के लिए भी याद रखा जाएगा। यह सीएम त्रिवेंद्र की राजनीतिक इच्छाशक्ति का नतीजा है कि उन्होंने इन दोनों पुलों के निर्माण का जो लक्ष्य तय किया, उसे कोविडकाल की दुश्वारियां भी नहीं डिगा पाई। इनमें लंबे समय से निर्माणाधीन डोबरा चांठी सेतु है और दूसरा ऋषिकेश में जानकारी सेतु।
ये बड़े कदम उठाए
सूर्यधार झील का निर्माण : मुख्यमंत्री की डोईवाला विधानसभा के थानो के पास सूर्यधार झील का निर्माण कार्य 2020 में ही पूरा हुआ। कोरोना के बावजूद झील निर्माण के कार्य में कोई अड़चन नहीं आने दी गई। इस झील के निर्माण से विधानसभा के कई गांवों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।
ई-कैबिनेट व ई-ऑफिस शुरू : कोविडकाल में वर्चुअल प्लेटफार्म पर प्रशासनिक कामकाज करने को मजबूर हुई प्रदेश सरकार ने अब इस माध्यम को प्रशासनिक व्यवस्था की ताकत बनाने का फैसला किया। ई कैबिनेट के बाद सचिवालय और विभागों को ई ऑफिस से जोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का प्रयास : प्रदेश सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में रूरल ग्रोथ सेंटर स्थापित करने की योजना पर काम शुरू किया। अब तक सरकार 106 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत कर चुकी है।