बिहार चुनाव: कोरोना काल मे भी जमकर हुई वोटिंग, वोटरो मे दिखा उत्साह
बिहार के जिन 16 जिलों में बुधवार को वोटिंग होनी थी, उसमें से अधिकांश कोरोना से प्रभावित हैं और अभी भी वहां रोज नए केस मिल रहे हैं. बावजूद इसके लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया. बुधवार की शाम जब चुनाव आयोग ने वोटिंग को लेकर आंकड़े जारी किए तो उसका परिणाम काफी सुखद रहा, क्योंकि आम दिनों में होने वाले चुनाव की तरह ही इस बार भी आंकड़ा 50 फीसद से ऊपर यानी 53.54 रहा.
बिहार में पिछले चुनाव (2015) में 54.75 फीसदी वोटिंह हुई थी. पहले चरण के चुनाव में कहीं से भी कोई हिंसा या गड़बड़ी की खबर नहीं आई. कुछ जगहों पर छिटपुट वारदातों को छोड़कर मतदान पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा है. पहले चरण के मतदान में 35 संवेदनशील या फिर अति संवेदनशील क्षेत्र थे, जबकि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी मतदान केंद्रों पर अर्द्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती किए जाने के साथ कुल 31380 मतदान केन्द्रों के लिए 31,380 ईवीएम एवं वीवीपैट का प्रबंध किया गया था.
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शाम छह बजे तक 53.54 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें बांका 59.57 प्रतिशत वोटिंग के साथ टॉप पर रहा. इसके अलावा भागलपुर में 54.20 प्रतिशत, लखीसराय में 55.44, शेखपुरा में 55.96, पटना में 52.51, मुंगेर में 47.36, भोजपुर में 48.29, बक्सर में 54.7, कैमूर में 56.20, नवादा में 52.34, रोहतास में 49.59, अरवल में 53.85, जहानाबाद में 53.93, औरंगाबाद में 52.85, गया में 57.5 और जमुई 57.41 फीसदी मतदान हुआ है.
ऐसे में बिहार के वोटरों ने अगले दो चरण के उम्मीदवारों और वोटरों के लिए एक साफ संदेश देने की कोशिश की है कि बिहार के लोग वोट डालने और नई सरकार चुनने के लिए तैयार हैं. बिहार में चुनाव कराने से पहले निर्वाचन आयोग की तरफ से भी यह आशंका जताई गई थी कि इस बार के चुनाव में वोटिंग का परसेंटेज कम रह सकता है, लेकिन वोटरों का उत्साह देखते ही बना. बिहार में दो फेज की वोटिंग शेष है जहां 3 और 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे,.