उत्तराखंड: जिलों से ग्राम प्रधान पहुंचे दून, आज सीएम आवास का करेंगे घेराव
उन्होंने बताया कि प्रदेश प्रधान संगठन की 12 सूत्रीय मुख्य मांगों में जल जीवन मिशन में कार्यदायी संस्था ग्राम पंचायत को बनाया जाए। योजना में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर मिशन के अंतर्गत बनने वाली योजना की राशि, परियोजना की देखरेख, योजना के निर्माण में पूर्ण रूप से ग्राम प्रधान का हस्तक्षेप रखा जाए व ग्राम प्रधानों को विश्वास में लेकर योजना निर्माण किया जाए।मनरेगा में वर्तमान वर्ष में कार्य दिवस 100 दिन प्रति परिवार से बढ़ाकर 200 दिन प्रति परिवार किया जाए। वहीं मनरेगा कार्य में मजदूरी 202 से बढ़ाकर 400, कुशल श्रमिकों की मजदूरी 398 से बढ़ाकर 600 किया जाए। प्रदेश में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पंचायत कनिष्ठ अभियंता, कंप्यूटर ऑपरेटर के पदों में तुरंत बढ़ोतरी हो। वर्तमान में एक ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पास 25 ग्राम पंचायतों का चार्ज है, जिससे जनता को पंचायत से संबंधित कार्य में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।इसके अलावा प्रधानों का मानदेय 1500 से बहाकर पांच हजार किया जाए। यातायात भत्ते के रूप में 15000 अतिरिक्त ग्राम प्रधान को दिया जाए व पेंशन की सुविधा भी प्रधानों को मिले।