उत्तराखण्ड: लॉकडाउन में 36 हजार करोड़ कम हो गई प्रदेश की जीडीपी, ग्रामीण क्षेत्र पर अधिक असर
देहरादून I लॉकडाउन के कारण उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को करीब 36 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। यह नुकसान ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले अधिक है। कोविड संक्रमण के कारण प्रदेश में 22 मार्च से लॉकडाउन शुरू हुआ था, यह जून तक जारी रहा। इस दौर में उद्योगों से लेकर अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के ठप होने का नुकसान राज्य को उठाना पड़ा है।
अब एसबीआई की शोध शाखा एसबीआई इको की ओर से जारी आंकड़े बता रहे हैं कि इस नुकसान के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आकार करीब 36 हजार करोड़ रुपये कम हो गया है। शहरी क्षेत्रों में यह प्रभाव 21 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में करीब 79 प्रतिशत आंका गया है।
प्रदेश की जीडीपी करीब ढाई लाख करोड़ मानी जाती है। नियोजन विभाग का अनुमान था कि कोविड काल से पहले प्रदेश की विकास दर भी घटकर करीब 5.1 प्रतिशत रह गई थी। अब यह विकास दर शून्य से नीचे मानी जा रही है।
प्रदेश सरकार की बढ़ी चिंता
अर्थव्यवस्था के आकार में यह कमी अब प्रदेश सरकार को चिंतित भी कर सकती है। कारण यह भी है कि अर्थव्यवस्था में गिरावट ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक है। प्रदेश में खेती किसानी या प्रारंभिक क्षेत्र की विकास दर पहले से ही चार प्रतिशत से कम थी।
ऐसे में यह भी साफ है कि प्रदेश सरकार के सामने अब प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ने वाली योजनाओं को बेहतर तरीके से धरातल पर उतारने का अधिक दबाव रहेगा। इसके साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार को अधिक मेहनत भी करनी होगी। वहीं, शहरी क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था का आकार कम होने का मतलब रोजगार को लेकर दबाव बढ़ना भी माना जा रहा है।