वित्त मंत्री सीतारमण की अध्यक्षता में आज होगी GST काउंसिल की बैठक, वैक्सीन पर दर घटने के आसार कम
नई दिल्लीः आज जीएसटी काउंसिल की 44वीं बैठक बुलाई गई है. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी और इसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे. बैठक का एकमात्र एजेंडा काउंसिल के मंत्रिसमूह की उस रिपोर्ट पर विचार कर फ़ैसला लेने का है जो कोरोना उपचार और संक्रमण की रोकथाम में काम आने वाले उपकरणों और वैक्सीन पर लगने वाले जीएसटी रेट के बारे में है. इस मंत्रिसमूह का गठन पिछले महीने की 28 तारीख़ को हुई पिछली जीएसटी काउंसिल की बैठक में किया गया था. मंत्रिसमूह ने 7 जून को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है जिस पर आज की बैठक में चर्चा की जाएगी.
वैक्सीन पर जीएसटी कम करने से अस्पतालों को फायदे का तर्क
मंत्रिसमूह की सिफारिशें तो सार्वजनिक नहीं की गई हैं लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ मंत्रिसमूह ने वैक्सीन पर लगने वाले जीएसटी दर में किसी भी बदलाव की अनुशंसा नहीं की है. अगर मंत्रिसमूह की ये अनुशंसा मान ली जाती है तो वैक्सीन की क़ीमत में कमी होने की उम्मीद लगाए लोगों के लिए ये अच्छी ख़बर नहीं होगी.
इसके पीछे दो तर्क़ दिए गए हैं. पहला , वैक्सीन पर जीएसटी कम करने या ख़त्म करने का सीधा-सीधा फ़ायदा लोगों को नहीं , बल्कि अस्पतालों को मिलेगा. दूसरे , वैक्सीन नीति में बदलाव के ऐलान के बाद अब 75 फ़ीसदी वैक्सीन केंद्र सरकार ख़रीदकर राज्य सरकारों को मुफ़्त देगी. ऐसे में राज्य सरकारों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं आएगा.
कई वस्तुओं पर जीएसटी दर घटाने की अनुशंसा
हालांकि, ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर्स , प्लस ऑक्सिमीटर और मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन पर लगने वाले जीएसटी दर में कटौती की सिफ़ारिश की गई है. इन उपकरणों पर जीएसटी दर 12 फ़ीसदी से घटाकर 5 फ़ीसदी करने की सिफारिश की गई. मंत्रिसमूह ने हैंड सैनिटाइजर और शरीर का तापमान नापने वाली मशीन पर भी जीएसटी की दर में कमी करने की अनुशंसा की गई है. हालांकि पीपीई किट और एन 95 मास्क पर भी जीएसटी दर में बदलाव की अनुशंसा नहीं की गई है.
28 मई को हुई बैठक में इस मंत्रिसमूह का गठन किया था. इसमें मेघालय के मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री कोनराड संगमा कमिटी के संयोजक बनाए गए थे जबकि महाराष्ट्र और गुजरात के उपमुख्यमंत्री के अलावा गोवा , उत्तरप्रदेश , तेलंगाना , ओडिसा और केरल के वित्त मंत्री मंत्रिसमूह के सदस्य बनाए गए थे. इसका मुख्य काम कोरोना से राहत देने वाले उपकरणों और दवाइयों पर जीएसटी दर की समीक्षा कर सिफारिश देना था.