उत्तराखंड : नए बजट में आधी आबादी पर रहेगा सरकार का फोकस

देहरादून। चिपको आंदोलन के रूप में पहले पर्यावरण की अलख जगाने के बाद उत्तराखंड राज्य के गठन में अहम भूमिका निभा चुकी मातृशक्ति पर सरकार के नए बजट में खास फोकस रहने जा रहा है। बजट सत्र से पहले ही पैतृक संपत्ति में महिलाओं को सह खातेदार बनाने, घस्यारी कल्याण योजना और फिर घरों पर बेटी की नेम प्लेट लगाने की योजना प्रारंभ कर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके संकेत दे दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में महिलाओं को राहत देने को कई नए कदम दिखाई पड़ सकते हैं।
सरकार ने प्रदेश की आधी आबादी महिलाओं को केंद्र में रखकर एक पखवाड़े के भीतर कई अहम फैसले लिए हैं। खासतौर पर तीन बड़े फैसलों के हर वर्ग को साधा गया है। बीती 17 फरवरी को त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल ने महिलाओं को पैतृक संपत्ति में सह खातेदार बनाने का अहम निर्णय लिया। इसके माध्यम से महिलाओं को संपत्ति पर सिर्फ नाम ही नहीं, बल्कि संक्रमणीय अधिकार दिया गया है। यानी महिलाएं जरूरत पड़ने पर संपत्ति को बेच सकती हैं अथवा ऋण लेकर कारोबार से जुड़ सकती हैं। इससे संबंधित विधेयक को अब गैरसैंण में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में पेश किया जाएगा।