नए दशक का पहला बजट आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी पेश
नई दिल्लीः आज देश का आम बजट पेश किया जाएगा. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को पेश करेंगी. निर्मला सीतारमण के इस बजट से देश के सभी लोगों को काफी उम्मीदें है. आम जनता यह आस लागए बैठी है कि निर्मला सीतारमण अपने पिटारे से क्या क्या देंगीं. माना जा रहा है कि कोरोना वायरस के कारण देश की बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इस बजट में कई महत्वपूर्ण ऐलान हो सकते हैं. बजट को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि सेवा क्षेत्र, बुनियादी ढांचे और रक्षा पर अधिक खर्च के जरिए आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाने पर और अधिक ध्यान दिया जा सकता है.
यह बजट इस दशक का पहला आम बजट है. एक अंतरिम बजट को जोड़कर देखा जाए तो मोदी सरकार का यह नौवां बजट है. यह बजट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस वक्त देश कोविड-19 संकट से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है.
जब देश कोविड संकट से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है तो व्यापक रूप से रोजगार सृजन और ग्रामीण विकास पर खर्च को बढ़ाने, विकास योजनाओं के लिए उदार आवंटन की उम्मीद जताई जा रही है. बजट में औसत करदाताओं के हाथों में अधिक पैसा डालने और विदेशी कर को आकर्षित करने के लिए नियमों को आसान किए जाने की आशा है.
Budget सर्वे- 2021
‘यह बजट तबाह हुई अर्थव्यवस्था को वापस जोड़ने की शुरुआत’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2019 में अपना पहला बजट पेश किया था. उन्होंने चमड़े के पारंपरिक ब्रीफकेस को बदल दिया था और बदले में लाल कपड़े में लिपटे ‘बही-खाते’ के रूप में बजट दस्तावेजों को पेश किया था. वहीं उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष का बजट इस तरीके का होगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया.
अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों का कहना है कि यह बजट कोरोना महामारी की वजह से तबाह हुई अर्थव्यवस्था को वापस जोड़ने की शुरुआत होगा. उनका यह भी कहना है कि इस बजट को महज बही-खाते या लेखा-जोखा या पुरानी योजनाओं को नए कलेवर में पेश करने से अलग हटकर होना चाहिए.
क्या आपको लगता है कि सरकार इस बजट में घर खरीदारों के लिए टैक्स राहत दे सकती है जिससे कि हाउसिंग सेक्टर को पुनर्जीवित किया जा सके?
इस सवाल के जवाब में 48.7 फीसदी लोगों ने कहा कि हां सरकार ऐसा कर सकती है वहीं 36.4 फीसदी लोगों ने कहा कि सरकार ऐसा कुछ नहीं करने जा रही है. वहीं 14.9 फीसदी लोगों ने कहा कि वो इस बारे में कुछ कह नहीं सकते हैं.
क्या सरकार को हेल्थकेयर उत्पाद और दवाइयों को और अफोर्डेबल बनाना चाहिए?
91.5 फीसदी लोगों ने कहा कि हां सरकार को इन उत्पादों को और सस्ता बनाना चाहिए वहीं 4.4 फीसदी लोगों का जवाब ना में था. वहीं 4 फीसदी लोगों ने कहा कि वो कह नहीं सकते.
क्या सरकार को अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए जितना संभव हो सके उतना खर्च बढ़ाना चाहिए?
इस सवाल के जवाब में 74.4 फीसदी लोगों ने कहा कि हां सरकार को अपना खर्च बढ़ाना चाहिए और 15.4 फीसदी लोगों का जवाब ना में था. 10.2 फीसदी लोगों ने कहा कि इसका जवाब वो नहीं दे सकते हैं.
क्या इस बजट में सरकार को टैक्सपेयर्स को राहत देनी चाहिए क्योंकि उन्हें कोरोना संकटकाल में आर्थिक हानि का सामना करना पड़ा है?
इस सवाल के जवाब में कुल 72.7 फीसदी लोगों ने कहा कि हां सरकार को इस बजट में टैक्सपेयर्स को राहत देने वाले कुछ कदमों का एलान करना चाहिए. वहीं 20.2 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें इस तरह की कोई राहत नहीं चाहिए. वहीं 7.1 फीसदी लोगों ने इस पर भी कहा कि इस सवाल के जवाब में वो कुछ कह नहीं सकते हैं.