उत्तराखंड

जानिए अब तक कितनी बार दल बदल चुके हैं हरक सिंह रावत, किस पार्टी से हुई थी राजनीति में एंट्री

देहरादून। Uttarakhand Election 2022 बार-बार दल बदलना कांग्रेस में वापसी करने वाले पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत का शगल रहा है। 38 वर्ष के अब तक के राजनीतिक सफर में उन्होंने पांचवीं बार दल बदला है। उनकी शुरुआत सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) से हुई थी। चलिए आपको बताते हैं कि इसके बाद हरक ने किस-किस पार्टी का दामन और कहां-कहां से चुनाव लड़ा है…

भाजपा से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले हरक सिंह ने वर्ष 1984 में पहली बार पौड़ी सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। वर्ष 1991 में पार्टी ने उन्हें दोबारा इस सीट पर मौका दिया और वह चुनाव जीतने में सफल रहे। तब उन्हें उत्तर प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया। वर्ष 1993 में वह फिर से पौड़ी सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे।

वर्ष 1998 में भाजपा ने उनका टिकट काटा तो इससे नाराज हरक बसपा में शामिल हो गए। कुछ समय बसपा में रहने के बाद उन्होंने कांग्रेस की राह पकड़ी। उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के बाद वर्ष 2002 में वह कांग्रेस के टिकट पर लैंसडौन सीट से चुनाव जीते। तब एनडी तिवारी सरकार में उन्हें मंत्री पद मिला, लेकिन बहुचर्चित जैनी प्रकरण के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। वर्ष 2007 में उन्होंने एक बार फिर लैंसडौन सीट से जीत दर्ज की और उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया।

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