उत्तराखंड

अब रोडवेज व जलसंस्थानकर्मी आंदोलन की राह पर, मांगों को लेकर अनशन व धरने के बाद हड़ताल का एलान

हल्द्वानी: चुनावी साल में सरकारी महकमों में आंदोलन का दौर भी थमने का नाम नहीं ले रहा। कर्मचारी संगठनों के बैनर तले हर कोई मांगों को लेकर मुठ्ठी ताने नजर आ रहे हैं। ऊर्जा निगम की हड़ताल भले सीएम से वार्ता के बाद स्थगित हो गई। लेकिन उपनलकर्मी धरने पर जुटे हुए हैं। वहीं, अब जल संस्थान व परिवहन निगम में संविदा के पद पर कार्यरत कर्मचारी आंदोलन की राह पर चलने को तैयार बैठे है। अनशन, धरने व मुख्यालय के घेराव के बाद हड़ताल का एलान किया गया है। वहीं, सीधा जनता से जुड़े विभाग होने के कारण लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

रोडवेज में संविदा-विशेष श्रेणी श्रमिक संघ नियमतिकरण व समान-कार्य समान वेतन की मांग को लेकर सभी डिपो में धरना दे चुके हैं। 12 अक्टूबर को मांगों को लेकर दून स्थित मुख्यालय का घेराव किया जाएगा। इसे लेकर लगातार बैठकों का आयोजन कर रणनीति बनाई जा रही है। संगठन का दावा है कि दो हजार से अधिक कर्मचारी उसके संग जुड़े हैं। जिसमें चालक-परिचालक के अलावा वर्कशाप में तैनात कर्मचारी भी शामिल हैं। ऐसे में हड़ताल होने पर बसों का संचालन प्रभावित होगा। वहीं, जल संस्थान में संविदा व श्रमिक श्रेणी में कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि कुमाऊं के 2200 से अधिक कर्मचारी संगठन से जुड़े हैं। कर्मचारी मांगों को लेकर पूर्व में भीमताल स्थित जीएम दफ्तर में धरना देने पर भी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया। ऐसे में 14 अक्टूबर से हड़ताल शुरू हो जाएगी। टैंकर संचालन से लेकर मरम्मत के कार्य में इन कर्मचारियों की अहम भूमिका है।

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