मोदी-बाइडेन के बीच बैठक 1 घंटे के बजाय 1.5 घंटे तक चली, बाइडेन बोले- अगली बार दो दिन से ज्यादा का हो कार्यक्रम
वॉशिंगटन: प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच कल व्हाइट हाउस में मुलाकात के दौरान दोनों देशों को नई मजबूती देने और जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 जैसे अहम मुद्दों पर बात हुई. ओवल ऑफिस में दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान बेहद गर्मजोशी दिखी और उनकी केमिस्ट्री अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का नया अध्याय लिख रही थी
सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन की द्विपक्षीय बैठक निर्धारित 1 घंटे के बजाय 1.5 घंटे तक चली. कवर किए गए विषयों की इतनी गहराई थी कि बाइडेन ने कहा कि अगली बार जब वे मिलेंगे, तो इसे 2 दिनों से अधिक के लिए निर्धारित किया जाना चाहिए.
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि बाइडेन से मुलाकात के अलावा क्वाड शिखर सम्मेलन बहुत ही व्यावहारिक और उपयोगी था, जो अन्य शिखर सम्मेलनों से काफी अलग था. बहुत सारे मुद्दों पर चर्चा की गई जिसमें प्रौद्योगिकी, अफगानिस्तान, आतंकवाद, टीके आदि शामिल हैं. बहुत जल्द, क्वाड पहल के तहत भारत से 8 मिलियन बायोई टीके शुरू किए जाएंगे.
इस द्विपक्षीय बैठक में दोनों की बॉडी लैंग्वेज से एक बात साफ हो चुकी है कि दोनों देश नए सिरे से दोस्ती को परिभाषा को गढ़ने और उस पर आगे बढ़ने के लिए बेताब हैं. बाइडेन और पीएम मोदी की इस दोस्ती की छाप अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में जल्दी ही दिखनी भी शुरू हो जाएगी.
मुलाकात में बाइडेन ने क्या कहा ?
राष्ट्रपति बाइडन ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि वे आज अमेरिका-भारत के संबंधों का एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं. बाइडन ने भारत एवं अमेरिका के मीडिया के सामने कहा कि उनका काफी समय से यह मानना रहा है कि अमेरिका एवं भारत के संबंध वैश्विक चुनौतियों का समाधान निकालने में सहायता कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे समझ जो सबसे कठिनतम चुनौतियां हैं उनका सामना करते हुए (हम) भारत एवं अमेरिका के संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करने जा रहे हैं.’’
वहीं बाइडन के साथ शुक्रवार को हुई बैठक को ‘‘महत्वपूर्ण’’ करार देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वे इस शताब्दी के तीसरे दशक में मिल रहे हैं. यह बैठक करीब एक घंटे से भी अधिक समय तक चली. प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडन से कहा, ‘‘यह दशक कैसा स्वरूप लेता है, इसमें निश्चित तौर पर आपका नेतृत्व महत्पूर्ण भूमिका निभाएगा. भारत और अमेरिका के बीच और मजबूत मित्रता के लिए बीज बो दिये गये हैं.’’