उत्तराखंड: कांग्रेस ने बनाया मुद्दा, भाजपा उपचुनाव को लेकर आश्वस्त
देहरादून। उत्तराखंड में रिक्त चल रही विधानसभा की दो सीटों और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के विधानसभा का सदस्य बनने के मद्देनजर निकट भविष्य में होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने संवैधानिक संकट को मुद्दा बनाया है। उसका कहना है कि अब जबकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल सालभर से भी कम रह गया है तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार उपचुनाव नहीं हो सकते। भाजपा ने कांग्रेस के इस मुद्दे को खारिज कर दिया है और कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री ने जब शपथ ली, तब विधानसभा का कार्यकाल एक साल से अधिक शेष था। साथ ही कांग्रेस को संविधान के अनुच्छेद 164 का अध्ययन करने की सलाह दी। भाजपा का कहना है कि निर्वाचन आयोग को जल्द उपचुनाव की घोषणा करनी चाहिए। चुनाव के लिए पार्टी की पूरी तैयारी है।
प्रदेश में वर्तमान में विधानसभा की गंगोत्री व हल्द्वानी सीटें रिक्त चल रही हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भी संवैधानिक बाध्यता के अनुसार शपथ लेने के छह माह के भीतर विधानसभा की सदस्यता लेनी है। उनका सौ दिन का कार्यकाल पूरा हो चुका है। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि मुख्यमंत्री कौन सी सीट से चुनाव लड़ेंगे। इस बीच केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने पांच मई को विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के उपचुनाव फिलहाल स्थगित रखने का निर्णय लिया। हालांकि, इसमें उत्तराखंड का जिक्र नहीं था।