उत्तराखंड

दून में बड़े बकायेदारों की होगी कुर्की, भवन कर और व्यावसायिक कर न देने वालों पर निगम करेगा कानूनी कार्रवाई

देहरादून। नगर निगम द्वारा तय भवन कर और व्यावसायिक कर नहीं चुकाने पर अब कुर्की की कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है। वित्तीय वर्ष के अब ढाई माह ही शेष बचे हैं। कोरोनाकाल की वजह से इस वित्तीय वर्ष में नगर निगम ने अभी तक महज 40 फीसद भवन कर की ही वसूली की है। अब बड़े बकायेदारों की सूची बनाकर इन्हें नोटिस भेजने का फैसला लिया गया है। अगर नोटिस के बावजूद ये लोग कर नहीं चुकाते तो नगर निगम उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई करेगा। महापौर सुनील उनियाल गामा ने सभी कर निरीक्षकों को बड़े बकायेदारों की सूची बनाकर उन्हें नोटिस भेजने के निर्देश दिए हैं।

भवन कर और व्यावसायिक कर वसूली की समीक्षा में महापौर गामा ने कर वसूली में निगम की गति काफी सुस्त पाई। इसकी बड़ी वजह पिछले साल रहा कोराना काल भी माना जा रहा। अब चूंकि, स्थिति कुछ हद तक सामान्य हो चली है और कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आई है। इसके साथ ही वैक्सीन लगाने का काम भी शुरू हो गया है। ऐसे में महापौर ने नगर निगम के भवन कर अनुभाग को कर की वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। महापौर ने मलिन बस्तियों में कैंप के जरिए वसूली के निर्देश दिए। महापौर ने बताया कि उनकी प्राथमिकता कर वसूली सौ फीसद कराकर निगम की आय में वृद्धि करना है। वसूली की अब तक की रिपोर्ट भी तलब की गई।

खुलासा हुआ कि अब तक यानी वित्तीय वर्ष 2020-21 के साढ़े नौ माह में महज 40 फीसद वसूली ही हुई है। भवन कर की सालाना अनुमानित आय 75 करोड़ रखी गई है, जबकि इसकी तुलना में अभी करीब 35 करोड़ रुपये ही आए हैं। कर वसूली में महज ढाई माह का समय शेष बचा है। कर निरीक्षकों को टारगेट देते हुए शहर के सभी बड़े बकायदारों की सूची बनाने के आदेश दिए गए हैं।

इन बकायदारों पर तीन करोड़ रुपये से ऊपर का भवन और व्यावसायिक कर बकाया है। इन बकायदारों को निगम की तरफ से डिमांड नोटिस भेजे जाएंगे व इसके बाद भी कर जमा न करने पर उनकी संपत्ति की कुर्की की जाएगी। उन्होंने कर वसूली का लक्ष्य 95 फीसद रखा है। वहीं, बड़े बकायदारों के अलावा भवन कर नहीं देने वाले सामान्य लोगों पर भी नकेल की तैयारी की जा रही है। ऐसे लोगों पर वक्त पर कर न चुकाने पर 25 फीसद जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नगर निगम ने कर चुकाने की आखिरी तिथि 31 मार्च तय की हुई है।

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