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सरकार ने कहा- दिव्यांगों और चलने-फिरने में असमर्थ लोगों को घर पर ही लगेगी वैक्सीन

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि देश में दिव्यांगों और चलने-फिरने में असमर्थ लोगों को उनके घर पर ही कोरोना वायरस वैक्सीन का टीका लगाया जाएगा. सरकार के इस एलान के बाद अब टीकाकरण कार्यक्रम में ओर तेजी आने की उम्मीद है. हालांकि पहले से ही स्वास्थ्य कर्मी देश के दूर दराज के इलाकों में लोगों को घर-घर टीका लगा रहे है.

देश में कोरोना की दूसरी लहर अब भी जारी- स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि भले ही दैनिक नए मामलों में कमी आ रही हो, लेकिन देश में कोरोना की दूसरी लहर अब भी जारी है. पिछले हफ्ते सामने आए संक्रमण के कुल मामलों में से 62.73 फीसदी अकेले केरल में आए. केरल एकमात्र ऐसा राज्य है जहां उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख से ज्यादा हैं.

अधिकारियों ने कहा कि देश में 33 जिलों में फिलहाल संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक है, जबकि 23 जिलों में संक्रमण दर पांच से 10 फीसदी के बीच हैं. उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारों के लिए कोरोना दिशानिर्देशों के तहत निरूद्ध क्षेत्रों और पांच फीसदी से अधिक संक्रमण दर वाले जिलों में भीड़भाड़ से बचना होगा.

देश की करीब 66 फीसदी आबादी को टीके की कम से कम एक खुराक मिली

टीकाकरण अभियान के बारे में उन्होंने कहा कि देश की करीब 66 फीसदी आबादी को टीके की कम से कम एक खुराक दी गई है और 23 फीसदी आबादी का पूरी तरह टीकाकरण हो गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना टीकों में 63.7 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए हैं और 35.4 फीसदी शहरी क्षेत्रों में लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि कुल 68.2 लाख खुराक (करीब 0.95 फीसदी) ऐसे कोरोना टीकाकरण केंद्रों पर दी गई जिन्हें ग्रामीण या शहरी क्षेत्र के तौर पर चिह्नित नहीं किया गया.

ब्रिटेन में दस दिनों का पृथक-वास देश के लिए भेदभाव- सरकार

भारत में टीका लगवा चुके लोगों को ब्रिटेन की यात्रा करने पर वहां दस दिनों के पृथक-वास में रहने के बारे में मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि यह भेदभाव है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही हे. भूषण ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि जो नियम चार अक्टूबर से लागू होने वाला है वह भेदभावपूर्ण है. दोनों पक्षों के बीच वार्ता जारी है और हमारा मानना है कि समाधान निकल आएगा. हमे उसी भाषा में जवाब देने का अधिकार है.’’

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