अशोक गहलोत का कपिल सिब्बल पर वार, बोले आंतरिक मामलो को मीडिया के सामने न उछाले, जाने क्या है पूरा मामला
अशोक गहलोत का कहना है कि कपिल सिब्बल के बयान से कांग्रेस कार्यकर्ता आहत हुए हैं. उन्हें पार्टी के आंतरिक मसलों को मीडिया में लाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कई बुरे दौर देखे हैं. साल 1969, 1977, 1989 और फिर 1996 में पार्टी बुरे दौर से गुजरी लेकिन पार्टी ने अपनी नीतियों, विचारधारा और नेतृत्व के विश्वास के दम पर जबरदस्त वापसी की. बुरे दौर में हर बार पार्टी और अच्छे से निखर कर सामने आई है. सोनिया गांधी के नेतृत्व में साल 2004 में यूपीए ने सरकार बनाई थी. इस बार की भी स्थिति से हम उबरेंगे.
उन्होंने कहा कि चुनाव हारने के कई कारण होते हैं. हर बार पार्टी ने नेतृत्व और पद को लेकर साहस दिखाया है और हम बुरे दौर से उबरे हैं. बुरे वक्त में पार्टी मजबूती के साथ एकजुट खड़ी रही है और उबरने का यही कारण रहा है. आज भी कांग्रेस इकलौती ऐसी पार्टी है जो देश को एकजुट रखकर निरंतर विकास के पथ पर चल सकती है.
कपिल सिब्बल का बयान
दरअसल, कपिल सिब्बल ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक इंटरव्यू में पार्टी की राज्यों में हो रही हार को लेकर आत्मंथन की बात कही थी. अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “देश के लोग, न केवल बिहार में, बल्कि जहां भी उपचुनाव हुए, जाहिर तौर पर कांग्रेस को एक प्रभावी विकल्प नहीं मानते. यह एक निष्कर्ष है. बिहार में विकल्प आरजेडी ही था. हम गुजरात में सभी उपचुनाव हार गए. लोकसभा चुनाव में भी हमने वहां एक भी सीट नहीं जीती थी. उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को 2 फीसदी से कम वोट मिले. मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस आत्ममंथन करेगी.”