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चीन के साथ तनाव के बीच भारत का डिफेंस को मजबूत करने पर जोर, बढ़ाई मिसाइल टेस्टिंग

नई दिल्ली I भारत ने मई की शुरुआत में चीन के साथ लद्दाख में बने तनावपूर्ण माहौल के बीच पिछले कुछ हफ्तों में नई सुरक्षा क्षमताओं का आकलन करने के लिए अपनी मिसाइल टेस्टिंग का सिलसिला तेज कर दिया है. रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) की ओर से तैयार कई मिसाइल सिस्टम की टेस्टिंग की जा रही है.

भारत ने परमाणु कौशल को बढ़ाते हुए 3 अक्टूबर को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की उन्नत संस्करण शौर्य मिसाइल का सफल परीक्षण किया था जिसकी क्षमता 1 हजार किलोमीटर की है. शौर्य सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है.

मई की शुरुआत में चीन के साथ गतिरोध शुरू होने के बाद शौर्य अकेली मिसाइल नहीं है जिसकी टेस्टिंग की गई. इसके अलावा भी कई और मिसाइलों की टेस्टिंग की जा चुकी है.

SMART की टेस्टिंग

सीमा पर तनावपूर्ण माहौल के बीच भारत की पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमताओं को बढ़ावा देने के रूप में 5 अक्टूबर को ओडिशा तट से दूर एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड से सुपरसॉनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो या एसएमएआरटी (SMART) का भी परीक्षण किया गया.

टॉरपीडो रेंज से परे पनडुब्बी-रोधी युद्ध संचालन के लिए SMART एक हल्का एंटी-सबमरीन मिसाइल है. इस SMART से वॉर शिप में स्टैंड ऑफ क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी. टेस्टिंग के दौरान इसकी रेंज, टॉरपीडो को छोड़ने की क्षमता, एल्टीट्यूड और वेलोसिटी रिडक्शन मैकेनिज्म (VRM) पर स्थापित करने की क्षमता ने पूरी तरह से सही काम किया. SMART मिसाइल मुख्य रूप से टॉरपीडो सिस्टम का हल्का रूप है, जिसे लड़ाकू जहाजों पर तैनात किया जाएगा. 

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