उत्तराखंड: 11 सरकारी विश्वविद्यालयों में एक जैसे पैटर्न पर होंगी अंतिम वर्ष की परीक्षाएं
देहरादून I उत्तराखंड के 11 सरकारी विश्वविद्यालयों में इस बार एक ही पैटर्न पर परीक्षाएं होंगी। राज्यपाल एवं इन विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति बेबी रानी मौर्य के निर्देश के बाद सभी विवि के कुलपति इसकी रणनीति बनाने में जुटे हैं। फिलहाल यह तय नहीं है कि परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी या ऑफलाइन।
लॉकडाउन के बाद से सभी यूनिवर्सिटीज बंद पड़ी हुई हैं। छात्र अपने घरों में ही ऑनलाइन लेक्चर सुन रहे हैं। अचानक हुए लॉकडाउन के चलते परीक्षाएं भी समय से शुरू नहीं हो पाईं थीं। लिहाजा, यह तय किया गया है कि फिलहाल केवल अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की ही परीक्षाएं कराई जाएंगी। बाकी छात्रों को 50 प्रतिशत पूर्व के अंकों और 50 प्रतिशत एसाइनमेंट के अंकों के आधार पर अगले सेमेस्टर में प्रमोट कर दिया जाएगा।
चूंकि, कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, इसलिए सबसे बड़ा सवाल यह बन गया है कि अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं कैसे कराएं? इस पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने पिछले दिनों सभी कुलपतियों से वार्ता की। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी 11 राज्य विश्वविद्यालयों में एक समान परीक्षा पैटर्न होना चाहिए। इसकी जिम्मेदारी उन्होंने सभी कुलपतियों को सौंप दी है। कुलपतियों के स्तर पर कई बार टेलीफोनिक वार्ता हो चुकी है।
माना जा रहा है कि 20 जून के बाद यह तय हो जाएगा कि परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी या ऑफलाइन। अगर ऑनलाइन होंगी तो उसके लिए जरूरी इंतजाम क्या होंगे और अगर ऑफलाइन होंगी तो छात्रों को कैंपस में रोकने के क्या इंतजाम होंगे। कुछ विश्वविद्यालयों ने फिलहाल ऑफलाइन परीक्षाओं की तैयारी भी शुरू कर दी है।
ऑफलाइन परीक्षाएं हुईं तो 15 दिन पहले बुलाएंगे छात्र
उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेंद्र एस चौधरी ने कहा कि अगर अंतिम वर्ष के छात्रों की ऑफलाइन परीक्षाएं होती हैं तो वह अपने सभी कॉलेजों के छात्रों को कैंपस में 15 दिन पहले बुला लेंगे। इसके बाद वह अपना क्वारंटीन पीरियड पूरा करेंगे। इस दौरान अगर कोई दिक्कत हुई तो उस छात्र का इलाज कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद जुलाई के आखिर में परीक्षाएं कराने की योजना है।
छात्रों की मांग, ऑनलाइन हों या टाली जाएं परीक्षाएं
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने जुलाई के दूसरे सप्ताह से परीक्षाएं प्रस्तावित की हैं। यहां छात्रों ने मांग उठाई है कि तमाम छात्र ऐसे हैं जो कि दूसरे राज्यों के हैं और इन दिनों अपने घर हैं। उनका अपने कॉलेज कैंपस पहुंचना खतरे से खाली नहीं है। लिहाजा, छात्र मांग कर रहे हैं कि या तो परीक्षाएं ऑनलाइन हों या फिलहाल टाली जाएं। उधर, एनएसयूआई की ओर से भी लगातार परीक्षाओं के बजाय सीधे प्रमोट करने की मांग की जा रही है।
चूंकि, अभी राज्यपाल के निर्देश पर परीक्षा पैटर्न में एकरूपता लाने के लिए कुलपति स्तर पर वार्ता चल रही है, इसलिए अभी परीक्षाओं की तिथि या अन्य जानकारी देना संभव नहीं है। जून के अंतिम सप्ताह तक सभी जानकारियां साफ हो जाएंगी।
– डॉ. मंगल सिंह मंद्रवाल, कुलसचिव, दून विश्वविद्यालय