उत्तराखंड से गुजरात भेजे जाएंगे छह गुलदार, अनुमति के लिए शासन को भेजा प्रस्ताव

देहरादून। उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों से पकड़े गए आदमखोर गुलदार अब वन विभाग के लिए भी मुसीबत का सबब बन गए हैं। हरिद्वार और नैनीताल के दोनों रेसक्यू सेंटर में नए गुलदार को रखने के लिए जगह नहीं बची है। दोनों केंद्रों में वर्तमान में कुल 13 गुलदार हैं। इनकी देखभाल पर भी भारी-भरकम खर्च आ रहा है। इसे देखते हुए प्रथम चरण में छह गुलदारों को यहां से गुजरात भेजने की तैयारी है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) से इस संबंध में हरी झंडी मिलने के बाद मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने अनुमति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है।
यह किसी से छिपा नहीं है कि प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष निरंतर गहरा रहा है। आंकड़ों पर ही गौर करें तो राज्य गठन से अब तक सात सौ से ज्यादा व्यक्तियों की मौत वन्यजीवों के हमलों में हुई है, जबकि घायलों की संख्या इसके तीन गुना ज्यादा है। इनमें भी 70 से 80 फीसद हमले गुलदारों के हैं। हालांकि, आदमखोर घोषित जो गुलदार पकड़ में आते हैं, उन्हें हरिद्वार के चिड़ियापुर और नैनीताल के रानीबाग स्थित रेसक्यू सेंटर में भेजा जाता है।