सत्ता के गलियारे से : घर का जोगी जोगड़ा, आन गांव का सिद्ध
देहरादून। पंजाब में कांग्रेस के कलह को शांत करने के लिए आलाकमान ने वरिष्ठ नेताओं की तीन सदस्यीय समिति बनाई। ऐसे हालात से निबटने के तजुर्बे के मद्देनजर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को भी इसमें शामिल किया गया। रावत कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पंजाब के प्रभारी भी हैं। यह समिति पंजाब के बवाल को थामने में कितनी कामयाब होती है, यह अलग बात है, लेकिन इससे उत्तराखंड कांग्रेस के तमाम दिग्गजों के माथे पर पसीना आ गया है। उत्तराखंड में सात महीने बाद ही विधानसभा चुनाव हैं और हरीश रावत कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा, यानी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार। रावत अपनी महत्वाकांक्षा को छिपाते नहीं, यही उनके साथियों को नागवार गुजर रहा है। नतीजतन, उन्हें घेरने का कोई मौका ये छोड़ते नहीं। दिक्कत यह कि घर में भले ही रावत की पूछ न हो, मगर आलाकमान के लिए तो उत्तराखंड का मतलब ही हरीश रावत है।