बिहार मे वोटो की गिनती जारी, नितीश या तेजस्वी किसकी बनेगी सरकार, जाने जीत का गणित
बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों व वाल्मीकिनगर संसदीय उपचुनाव के परिणामों का रुझान 10 नवंबर की सुबह नौ बजे से और वास्तविक परिणाम तीन बजे से सामने आने लगेंगे। चुनाव आयोग द्वारा राज्य के सभी 38 जिलों में 55 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर एक साथ सुबह आठ बजे से मतगणना की प्रक्रिया शुरू होगी। निर्वाचन विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सभी मतगणना केंद्रों में आयोग के निर्देशानुसार निर्वाची पदाधिकारी व सहायक निर्वाची पदाधिकारी की तैनाती की गई है। इनके अतिरिक्त प्रत्येक केंद्र पर माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात रहेंगे। चूंकि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार एक हॉल में सात टेबुल पर ही मतगणना की जाएगी। साथ ही, दूसरे समीप के हॉल में सात अन्य टेबुल पर मतगणना की प्रक्रिया होगी। पहले एक हॉल में ही 14 टेबुल लगते थे, लेकिन कोरोना के कारण दो हॉल में सात-सात टेबुल रखे जाएंगे। मुख्य हॉल में निर्वाची पदाधिकारी एवं दूसरे हॉल में सहायक निर्वाची पदाधिकारी तैनात रहेंगे।
ईवीएम की संख्या में 40 फीसदी की बढ़ोतरी के कारण होगी देरी
बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास के अनुसार चुनाव आयोग के निर्देश पर कोरोना काल में विधानसभा चुनाव होने से एहतियात अधिकतम एक हजार मतदाता के के लिए एक बूथ की व्यवस्था की गयी थी। इस तरह मतदान केंद्र बढ़ने से ईवीएम की संख्या में भी वृद्धि हुई। राज्य में कुल एक लाख 06 हजार मतदान केंद्र बनाए गए थे। इस प्रकार, ईवीएम की संख्या में वृद्धि के कारण मतगणना में पहले की अपेक्षा थोड़ा अधिक वक्त लगेगा। सूत्रों की मानें तो पहले जहां 12 घंटे में मतगणना की प्रक्रिया पूरी हो जाती थी, उसमें अब 16 से 18 घंटे तक लग सकते हैं।
बड़े जिलों में दो से तीन मतगणना केंद्र बनाए गए
बड़े जिलों व हॉल की उपलब्धता को देखते हुए कुछ जिलों में दो से तीन मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। आयोग के अनुसार पूर्वी चंपारण, बेगूसराय, सीवान में तीन-तीन और मधुबनी, पूर्णिया, दरभंगा, गोपालगंज, भागलपुर, बांका, नालंदा व नवादा में दो-दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। शेष जिलों में एक-एक मतगणना केंद्र बने हैं। कुल 414 हॉल में मतगणना होगी।
पहले बैलेट वोट की होगी गिनती
शुरुआती दो घंटे में बैलेट वोटों की गिनती की जाएगी। इसके रुझान सबसे पहले सामने आएंगे। हालांकि ईवीएम के वोटरों की गिनती शुरू होने के बाद रुझान में काफी उतार-चढ़ाव की संभावना बनी रहेगी। पहले जहां रात आठ बजे तक परिणाम आ जाते थे, वहीं इस बार इसमें देरी होगी।
बिहार में तीन चरणों में मतदान
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में अंतिम यानी तीसरे चरण में 78 विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग हुई। तीसरे चरण में 1204 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। इनमें से 1094 पुरुष और 110 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। इससे पहले बिहार चुनाव के पहले चरण में 28 अक्टूबर को 71 सीटों और दूसरे चरण के तहत 3 नवंबर को 94 सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है।
किस चरण में कितने प्रत्याशी
पहले चरण में 1066 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे।
दूसरे चरण में 1,463 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे।
तीसरे चरण में 1,195 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे।
किस चरण में कितने फीसदी मतदान
बिहार विधानसभा का पहला चरण- 55.68 फीसदी वोटिंग
बिहार विधानसभा का दूसरा चरण-52.28 फीसदी वोटिंग
बिहार विधान सभा का तीसरा चरण-54.63 फीसदी वोटिंग
बिहार में तीन चरणों 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को मतदान किया गया था। 10 नवंबर को सभी चरणों में हुए मतदान को लेकर मतों की गिनती होगी, जिसके बाद यह तय हो जाएगा कि अगले पांच सालों तक बिहार की सत्ता किसके पास होगी। राज्य में मतगणना के लिए 38 जिलों में 55 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं, जहां आज मतों की गिनती की जाएगी। सभी मतगणनास्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
कौन-कौन पार्टी किसके साथ
भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाले एनडीए में जेडीयू, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं। केंद्र में एनडीए की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) यहां अलग होकर चुनाव मैदान में है। महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और वामपंथी दल सीपीआई, सीपीएम शामिल हैं।
इसके अलावा, ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट (JDSF) में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन, समाजवादी जनता दल लोकतांत्रिक, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) शामिल हैं। वहीं, प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन (PDA) में पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी, बहुजन मुक्ति पार्टी, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, आजाद समाज पार्टी शामिल हैं।
पिछले चुनाव यानी बिहार चुनाव 2015 के नतीजे
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी को सबसे ज्यादा 80 सीटों पर जीत मिली थी। दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू थी। उसे 71 सीटें हासिल हुई थीं। इसके अलावा बीजेपी को 54, कांग्रेस को 27, एलजेपी को 2, आरएलएसपी को 2, हम को 1 और अन्य के हिस्से में 7 सीटें गई थीं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि 2015 में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस पार्टी साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी, मगर बाद में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया था।
2015 में कौन-कितनी सीटों पर चुनाव लड़ा
साल 2015 के चुनाव में नीतीश कुमार की अगुवाई में चुनाव मैदान में उतरी राजद 101 सीटों पर चुनाव लड़ी थी जबकि इस चुनाव में वह 144 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। महागठबंधन में सबसे मजबूत और पिछले चुनाव में सबसे बड़े दल राजद का इस चुनाव में अधिकांश सीटों पर जदयू से मुकाबला है। इस चुनाव में 77 सीटों पर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू के उम्मीदवार राजद के उम्मीदवार के सामने हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से जदयू जहां 115 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, वहीं बीजेपी 110 सीटों पर चुनाव मैदान में है।
एग्जिट पोल का अनुमान
टाइम्स नाउ-सी वोटर: इस एग्जिट पोल में एनडीए को 110 से 120 सीटें मिलने का अनुमान है, वहीं महागठबंधन को 115-125 सीटें और एलजेपी को 1 सीट।
TV9 भारतवर्ष: टीवी9 भारतवर्ष द्वारा किए गए बिहार चुनाव के एग्जिट पोल के अनुसार, बिहार में महागठबंधन को 115-125 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, एनडीए को 110 से 120 सीटें मिल सकती हैं। एलजेपी को 3-5 तो अन्य को 10-15 सीटें मिल सकती है।
एबीपी-सी वोटर एग्जिट पोल: एबीपी-सी वोटर एग्जिट पोल में 104-120 सीटें एनडीए को तो वहीं, महागठबंधन को 108-131 सीटें मिल सकती हैं। एलजेपी 1-3 सीटें जीतने में कामयाब हो सकती है। वहीं, अन्य को 4-8 सीटें मिलने का अनुमान है।
रिपब्लिक-जन की बात: इस एग्जिट पोल में एनडीए को 91-117 और महागठबंधन को 118-138 सीटें दी गई हैं।
आजतक-एक्सिस माई इंडिया: इसने महागठबंधन को 139-161 सीटें और एनडीए को 69-91 सीटें दी हैं।
टूडेज़ चाणक्य: इसमें महागठबंधन को 180 सीटें मिलने का अनुमान है और एनडीए को सिर्फ़ 55 सीटे मिलने का अनुमान बताया गया है।