उत्तराखंड
हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने पितृ अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर किया तर्पण
हरिद्वार। कोरोनाकाल के अनलॉक-4 में बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए हरकी पैड़ी पर यात्रियों के स्नान पर प्रतिबंध की चर्चाओं के बीच पितृ अमावस्या पर कोरोना से बेख़ौफ़ यात्रियों ने ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर अपने पितरों के निमित्त तर्पण कराया। हरकी पैड़ी पर किसी भी तरह की रोक टोक यात्रियों के लिए नही थी।
पितृ मोक्ष अमावस्या पर तर्पण के साथ पितरों की विदाई की गई। श्राद्ध पक्ष का समापन होने के चलते इसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस दिन उन मृत लोगों के लिए पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण कर्म किए जाते हैं, जिनकी मृत्यु तिथि मालूम नहीं होती है। साथ ही, अगर किसी कारण से मृत सदस्य का श्राद्ध नहीं कर पाए हैं तो अमावस्या पर श्राद्ध कर्म किए जा सकते हैं।