उत्तराखंड के कुमाऊं में आज भारी बारिश के आसार
देहरादून। उत्तराखंड में बारिश से भले ही राहत हो, लेकिन भूस्खलन जानलेवा साबित हो रहा है। केदारनाथ हाईवे पर पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से एक किशोर की मौत हो गई। वहीं उत्तरकाशी में बरसाती नदी में युवक बह गया। इस बीच मलबा आने से सड़कों के बाधित होने का क्रम जारी है। प्रदेश में अब भी 50 से ज्यादा सड़कों पर यातायात बहाल नहीं हो पाया है।
सोमवार को पहाड़ों में हल्की बारिश हुई तो मैदानों में बादल छाए रहे। पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। इस बीच सोमवार को रुद्रप्रयाग जिले के किनच्याणी गांव से तुंगनाथ धाम के दर्शनों के लिए परिवार के साथ जा रहा एक किशोर पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आ गया। किशोर ने अस्पताल ले जाते हुए दम तोड़ दिया। इससे पहले 31 जुलाई को भी पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई थी। उत्तरकाशी के पास बरसाती नदी में बहने से युवक की मौत हो गई। युवक का शव बरामद कर लिया गया।
पिथौरागढ़ में भी हालात गंभीर बने हुए हैं। जिले में अब भी 28 मार्ग बंद हैं। चीन सीमा को जोडऩे वाली तीनों सड़कें पर यातायात बहाल नहीं हो पाया है। इससे प्रभावित क्षेत्र में आवश्यक सामानों की आपूर्ति भी प्रभावित हो गई है। प्याज और टमाटर दुकानों से गायब हैं। राशन की भी किल्लत बढ़ गई है। मुनस्यारी में दरकोट के पास से धापा तक छह किमी मार्ग नहीं खोला जा सका है। इससे उच्च हिमालय के चौदह गांवों सहित उच्च मध्य हिमालय के एक दर्जन गांव प्रभावित हैं। मल्ला जोहार विकास समिति के अध्यक्ष श्रीराम धर्मशक्तू ने शासन से हेलीकॉप्टर से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने की मांग की है। वहीं जौलजीबी-मदकोट-मुनस्यारी मार्ग दुगड़ीगाड़ में पुल बहने से सात दिनों से बंद है। यहां 60 से अधिक गांवों का संपर्क ही भंग है।